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हे कुमारे।
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याइ आरोहेह जाव कालं प्रणवकं खमाणे विहर ॥६॥
तर खं ते थेरा भगवंता मेहस्स अणगाररूस अगि are duraडियं करेति । तर ण से मेहे अणगारे दुवालस वासाई सामण्ण परियागं पाठणित्ता मासि याए संलेहणाए अप्पाणं भूषित्ता सहिभत्ताइ अणसगाए छेदेत्ता आलोइयपडिते उद्धरियसल्ले समाहिपत्ते आणुपुवेणं कालगर ॥१॥
तर ते थेरा भगवंता मेहं अणगारं कालगयं पासंति २ ता परिणिव्वाणवत्तियं कासगं करेति । तस्स मेहस्स आयारभंडं गिरहंति ५ त्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छति २ एवं वयासी "एवं खलु देवागुप्पियाण' अंतेवासी मेहे नामं अणगारे परिभद्दर' विणीए से गं देवागुप्पिएहिं अब्भरणुणाए समाणे जाव अणुपुवेण कालगए ॥ एस ग देवाप्पिया! मेहस्स अणगारस्स आयारभंड ॥११॥
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तर भगवं गोय मे समय भगवं महावीरं एवं वयासी, “से ण' भंते! मेहे अणगारे कालमासे कालं किच्चा कहिं गए कहिं उववरले ?" ॥
" एवं खलु गोयमा ! मम अंतेवासी मेहे नामं अणगारे विजय महाविमाणे देवत्ताए उववरणे" ॥
"एस ण' भंते ! मेहे ताथी देवलोगा ओ चहत्ता कहिं गच्छद्दिह कहिं उववज्जिहि ?"
गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ, बुजिमाfer परिखिवाहिर सम्बदुक्खा तं काहिह” ॥२॥
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