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________________ १. 'त' के स्थान पर 'द'। उदा :- मति मदि, ११५/३५५ इति इदि, १/८ २. 'थ' के स्थान पर 'ह' अथवा 'ढ'।। उदा :- यथा जहा, ३/१३३ पृथिवी पुढवी, ८१/३२४ ३. 'म' के स्थान पर 'ह' । उदा :- प्रभृति पहुडि, ४४/२७७ ४. 'र' के स्थान पर ' ल ' (मागधी के अनुसार) । उदा :- औदारिक ओदालिय, ५७/२९७ ५. उष्म 'श, ष ' वर्गों के स्थान पर दन्त्य 'स'। उदा :- उपशम उवसम, १८/१८९ कषाय कसाय, ५५/२९१ ६. 'पुलिंग कर्ता' कारक के एकवचन के स्थान पर 'ओ' । उदा :- नमः नमो, १/८ सप्तविधः सत्तविहो, ४९/२८२ ७. 'सप्तमी विभक्ती' के एकवचन में 'ए, म्हि ' प्रत्यय । उदा :- पृथिव्यां पुढवीए, ८२/३२५ स्थाने ठाणे, १२९/३८० यह श्रुतग्रंथ षट्खण्डागम परमगम्भीर, स्याद्वादमयी अमोघलांछन से अभिमंडित, अनेकांतमयीमूर्ति, सर्वोदयतीर्थस्वरूपी, आत्मानुशासक, विश्वकल्याणकारक, मुक्तिलक्ष्मिसाधक युक्त्यनुशासनकारक जिनशासन है। यह वाणी गम्भीर, मधुर, मनोहर, दोषरहित, हितकर, वचनव्यापार रहित, आंधी तूफान आदि उपद्रव से निर्बाद, स्पष्ट, श्रोता को अभीष्ट प्रदायक, सर्वभाषामयी है। इस ग्रंथराज में अनेक वैश्विक मूल्य निहित हैं। संदर्भ - १. प.पू.चारुकीर्ति भट्टारक स्वामि जी, प्रधान सम्पादक - धवलत्रय ग्रंथ प्रवेश, प्र. - राष्ट्रीय प्राकृत अध्ययन एवं संशोधन संस्थान, श्रवणबेलगोला, २००४ ई. २. पं. बालचन्द्र शास्त्री, षट्खण्डागम परिशीलन, प्र. - भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली, १९८७ ई. ३. सुब्बय्य शास्त्री, कन्नड सम्पादक एवं अनुवादक - षट्खण्डागम- प्रथम खण्ड, प्र. - जिनेन्द्र गंथमाला, चौडेश्वरी गुडी बीदी,बैंगलोर, १९६७ ई. ४. पं. धरमचन्द जैन, षट्खण्डागम की शास्त्रीय भूमिका, प्र. - प्राच्य श्रमण भारती, मुझफ्फरनगर, २००० ई. ५. डॉ. रेखा जैन, मूलाचार में प्रतिपादित दिगम्बर जैन साध्वाचार, प्र.- स्याद्वाद ज्ञानपीठ, बडगाँव (उ.प.) ६. प्रो.डॉ. राजाराम जैन, लेखक - छक्खंडागमलेहण कहा, प्र.- महाजन टोली, आरा, बिहार, ७. डॉ. प्रेम सुमन जैन, शौरसेनी प्राकृत भाषा और व्याकरण, दिल्ली ८. प्राकृत विद्या (शोध पत्रिका) कुन्दकुन्द भारती, नई दिल्ली -0-0-0 -- 239 - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.006701
Book TitleUniversal Values of Prakrit Texts
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherBahubali Prakrit Vidyapeeth and Rashtriya Sanskrit Sansthan
Publication Year2011
Total Pages368
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size19 MB
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