________________
हरिवंशपुराण में विद्याओं के विविध रूप : (533)
सन्दर्भ
आचार्य, जिनसेन; हरिवंश पुराण, भारतीय ज्ञानपीठ दिल्ली, 2000. 2. आचार्य, महाप्रज्ञ; पं. जमोला शान्ती साधुवाद ग्रंथ, रीवा, 1989 पेज 2-3. 3. वर्णी, जिनेन्द्र; जैनेन्द्र सिद्धांत कोष-3, भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली, 1993 पेज 544. 4. भट्ट अकलंक; राजवार्तिक-1, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, 1953, पेज-200. 5. स्वामी सुधर्मा; समवाओ, जैन विश्वभारती, लाडनू, 1984, पेज 251. 6. जैन, एन.एल.; साइंटिफिक कंटेट्स इन प्राकृत कैनन्स, पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी,
1996 पेज 75-120. 7. आचार्य, उमास्वाति, सभाष्य तत्त्वार्थ सूत्र, एम.आर. जौहरी, बंबई, 1932, पेज-177. 8. वर्णी, जिनेन्द्र, जैनेन्द्र सिद्धान्त कोष-4, भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली, 1988, पेज-422.
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org