________________
अभिप्राय
Opinions ક્ષેત્રોની શિબિરો માટે પણ ઉપયોગી બનશે.
ता. ०३-११-१९९६ મારા યોગ્ય ફરમાવશો.
विद्वद्वर्य मुनिराजश्री
जैन उपाश्रय कुमारपाल वि. us नाहन सादर अनुवंदना
मु. झींझुवाडा વર્ધમાન સેવા કેન્દ્ર
ता. १०-११-१८८६ सुखशाता होगी. ૩૯, કલિકુંડ સોસાયટી
दो प्रतिक्रमण - सविवेचन - हिन्दी व अंग्रेजी प्रगट हो रहा है जानकर बडी खुशी ધોલકા જિ. અહમદાબાદ
यह पुस्तक अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने वाले बच्चों को बहुत उपकारक होगा. एवं विस्तृत
विवेचन छोटे बड़े सभी को ज्ञानवर्धक बनेगा.
मांडल, ७-११-९६ आपका प्रयास आवकार्य है. | सादर शातानुवंदना.
बहुत-बहुत अभिनंदन. ___आपकी ओरसे दो प्रतिक्रमण सूत्र (हिन्दी एवं अंग्रेजी में) शब्दार्थ-गाथार्थ एवं भावार्थ | कुशल होंगे. के साथ प्रकाशित हो रहा है. यह जानकर बड़ी प्रसन्नता हुई.
मुनिचंद्रविजय की अनुवंदना वर्तमान युगकी यह खास मांग है. अतः आपका प्रयास समयोचित एवं सराहनीय है.
अंग्रेजी माध्यममें पढनेवाले अनेक विद्यार्थीओंको धार्मिक सूत्र एवं उनके अर्थ समझने के लिए यह पुस्तक आशीर्वाद रूप होगा, आपके प्रयासकी पुनः पुनः हार्दिक अनुमोदना.
- गणि महोदयसागर.
प्रतिक्रमण सूत्र सह विवेचन- भाग-१
Pratikramana Sutra With Explanation-Part-1
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org