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२३. सिद्धाणं बुद्धाणं सूत्र
सूत्र विभाग १४९ sutra part
23. siddhānam buddhānam sutra परमट्ठ-निट्ठि-अट्ठा = परम ध्येय [मोक्ष को प्राप्त किये हुए paramattha-nitthiatthā = having obtained the ultimate goal of life (salvation]
परम = परम, अट्ठ = ध्येय को, निअिट्ठा = प्राप्त किये हुए । | parama = the ultimate, attha = goal, nitthi-atthā = having obtained |सिद्धा सिद्धिं मम दिसंतु = सिद्ध भगवंत मुझे सिद्धि मोक्ष प्रदान siddhā siddhim mama disantu = siddha bhagavantas shall grant me the
boon (of salvation] सिद्धा = सिद्ध भगवंत, सिद्धिं = सिद्धि, मम = मुझे, दिसंतु siddhā = siddha bhagavantas, siddhim = the boon, mama = me, disantu = प्रदान करें
= shall grant गाथार्थ :
Stanzaic meaning - सिद्ध गति को प्राप्त किये हुए, सर्वज्ञ, [संसार समुद्र को] पार किये हुए. | Always be obeisance to all the siddha bhagavantas, having attained the
परंपरा से सिद्धि में गये हुए और लोक के अग्र भाग पर गये हुए सर्व salvation, holders of absolute perfect knowledge, having crossed (the ocean of |सिद्ध भगवंतों को सदा नमस्कार हो
life), having gone (to salvation) in sequence and having reached the highest place in the universe. ......
......................1. जो देवों के भी देव हैं जिनको देव अंजली पूर्वक नमस्कार करते हैं और | lobeisance to those sri mahavira svami bowing down my head, who is even जो इंद्रों से पूजित हैं, उन श्री महावीर स्वामी को मैं मस्तक नमाकर | god of the gods, to whom gods bow down with folded hands and who is वंदन करता हूँ. | worshipped by the indras. .....
................2. जिनेश्वरों में उत्तम श्री महावीर स्वामी को किया हुआ एक ही नमस्कार | Even a single obeisance offered to sri mahavira svami, the greatest among नर या नारी को संसार समुद्र से तारता है. ... ........... ३. | jinesvaras carries the men or women across the ocean of life. ...................3. जिनकी दीक्षा, केवल ज्ञान और निर्वाण कल्याणक गिरनार पर्वत के | lobeisance to that religious emperor Sri neminātha whose kalyānakasofdiksa,
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प्रतिक्रमण सूत्र सह विवेचन - भाग - १ Jain Education International
Pratikramana Sūtra With Explanation - Part - 1
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