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sūtra part
11. jaga-cintamani caitya-vandana kammaṭṭha-viņāsana! = the annihilator of all the eight karmas
kamma = of karmas, attha = all the eight, vināsana = the annihilator cauvisam pi jinavara! = oh all the twenty four jinesvaras!
cauvisam = twenty four, pi = all the, jiņavara = jineśvaras jayantu be your victory
जयंतु = आपकी जय हो -
अप्पडिहय-सासण = अखंडित शासन वाले !
appadihaya sāsana = the unimpaired rulers!
अप्पsिहय = अखंडित सासण= शासन वाले
appadihaya = the unimpaired, sāsana = rulers
| २. कम्म-भूमिहिं कम्म भूमिहिं = कर्म भूमियों में [ जहाँ आजीविका के लिये प्रजा को कर्म / कार्य करना पड़ता हैं. भूमियों में
2.kamma-bhūmihim kamma-bhūmihim = in the lands of activities [where people have to work for their livelihood]
कम्म = भूमिहिं
.कर्म..
kamma = activities, bhūmihim = in the lands of
=
padhama = first, sanghayani = having sarighayana
पढम-संघयणि= प्रथम संघयण (अस्थियों की उत्कृष्ट रचना वाले padhamasanghayani = having first sanghayana [a superior type of bone setting पढम = प्रथम, संघयणि = संघयण वाले उक्कोसय सत्तरि सय जिण वराण = उत्कृष्ट से एक सौ सित्तर जिनेश्वर
ukkosaya sattari-saya jina-varāṇa = one hundred and seventy jineśvaras at the most
११. जग चिन्तामणि चैत्य-वन्दन
| कम्मट्ठ-विणासण! = आठों कर्मों का नाश करने वाले !
कम्म = कर्मों का अट्ठ = आठों विणासण = नाश करने वाले चउवीसं पि जिणवर! हे चौबीसों जिनेश्वर !
=
चउवीसं पि = चौबीसों, जिणवर हे जिनेश्वर
=
·
उक्कोसय = उत्कृष्ट से, सत्तरि = सित्तर, सय = एक सौ, जिणवराण = जिनेश्वर
| विहरंत लब्भइ = विचरण करते हुए पाये जाते हैं
विहरत = विचरण करते हुए, लब्भइ = पाये जाते हैं
प्रतिक्रमण सूत्र सह विवेचन भाग
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सूत्र विभाग
- १
७६
76
ukkosaya = at the most, sattari = seventy, saya = one hundred, jinavarana-jinesvaras
viharanta labbhai = are found moving about
viharanta = moving about, labbhai = are found
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Pratikramaņa Sūtra With Explanation - Part - 1
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