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अनु. विषय
पाना नं.
૨૦૬ २०७ ૨૦૯ ૨૧૧ ૨૧૨
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૨૧૫ ૨૧૬ ૨૧૭
૨૧૮ ૨૧૮ ૨૨૧ ૨૨૧
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१५० विहारोंसे घोषान्तरों डी उत्पत्ती होने के संभव हा ज्थन १५१ रागद्वेष से ही अनोत्पत्ति होने का नि३पारा १५२ तृष्णाक्षय डा वर्शन १५3 भोक्षगति डा नि३पारा १५४ अध्ययन छाउपसंहार १५५ तेतीसवें अध्ययन का प्रारंभ १५६ में प्रकृति का वर्शन १५७ ज्ञानावर और हर्शनावरा स्व३प प्रा नि३पारा १५८ वेहनीय और भोहनीय डे स्व३प छा नि३पारा १५८ हर्शनभोहनीय के तीन भेटा नि३पारा १६० आयुष्ठर्भ और नाभर्भ डेस्वस्थ छा वर्शन १६१ गोत्रर्भ स्व३प छा वर्शन १६२ धर्मो डे प्रदेशाग्र (परभा) हा नि३पारा १६३ भोहनीय उर्भ स्थिति का नि३पारा १६४ नाभगोत्र डे स्थिति हा नि३पारा १६५ अध्ययन हा उपसंहार १६६ योंतीसवें अध्ययन का प्रारंभ और तेश्याओं हा नि३पारा १६७ तेश्याओं वाद्वारा नि३पारा १६८ लेश्याओं के रसद्वार जा नि३पारा १६८ तेश्याओं गंधद्वारा नि३पारा १७० तेश्यामों स्पर्शद्वार छा नि३पारा १७१ लक्षाद्वारा नि३पारा १७२ स्थानद्वार डा नि३पारा १७3 स्थितिद्वार डा नि३पारा १७४ गतिद्वार छा नि३पारा १७५ आयुद्वार डा नि३पारा १७६ अध्ययन छा उपसंहार और सभाप्ति १७७ पैतीसवें अध्ययन प्रा प्रारंभ १७८ भिक्षुठे गुराडा वर्शन १७८ भिक्षु डी वसतिजा नि३पारा १८० मन्तधानाहि आरंभ डे निवारा हा उपदेश १८१ अग्नि सभारंभ निषेध का नि३पारा
૨૨૨ ૨૨૩
૨૩૦ ૨૩૧ ૨૩૯ ૨૩૯ ર૪૧
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૨૪૩
२४४
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श्री. उत्तराध्ययन सूत्र:४