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उत्तराध्ययन माग यौथा (अध्य. २५ से 36 तठ) छा
विषयानुभशिष्ठा
अनु. विषय
पाना नं.
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१ पय्यीसवें अध्ययन का प्रारंभ २ यधोष और विषयधोष हेयरित्र छा वर्शन 3 छाछसवें अध्ययन का प्रारंभ और हश प्रहार ही साभायारी
हा वर्शन ४ सोध साभायारी हा वर्शन ५ विनयशील साधु ठे औत्सर्गि: हिनमृत्य छा वार्शन ६ पौ३षिछाल छा परिज्ञान ७ पाहोन (पोन) पौषी मानने छा उपाय ८ भुनि रात्रि इत्य उा वर्शन ८ विशेष३प से भुनि डे हिवस इत्य उा ज्थन १० प्रतिलेजना विधि का वर्शन ११ प्रतिलेजनामें घोषों हे त्याग विषय में सूत्रधारा ज्थन १२ संगप्रर्शनपूर्व सघोष और निर्दोष प्रतिसेजना डा
विशेष ३५से वर्शन १७ निर्दोष प्रति सेजनाठो हरता हुआ मुनि छः हाय हा
विराध होने जा ज्थन १४ निर्दोष प्रतिजना पुरता हुमा भुनि आराध होने
डा इथन १५ आहार छेछः हारशों छा नि३पारा १६ आहार के त्याग हा छः धाराशों छा वर्शन १७ भिक्षा विधि डा वर्शन १८ परिष्ठापन विधि का वर्शन १८ छायोत्सर्ग में अतियार डा चिन्तन २० डायोत्सर्ग में स्थित मुनि ही रात्रियर्या डी विधि छान्थन २१ डायोत्सर्ग में ज्ञानाहि अतियार डा चिन्तन २२ डायोत्सर्ग में तप का चिन्तन और सिद्धों ही स्तुति २३ साभायारीडा ज्थन और उपसंहार अध्ययन सभाप्ति २४ सताछसवें अध्ययन प्रा प्रारंभ
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उ४ ૩પ
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श्री. उत्त२॥ध्ययन सूत्र:४