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विषय
पाना नं.
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૧૦૫
43 मायार्थ महाराणधित होने पर शिष्य हर्तव्य हा
उपदेश ५४ अध्ययन हे सर्थ हा उपसंहार और माथार्याहिकोंडा
प्रसन्न होने पर इस ५५ श्रुतज्ञान डेलालठा इल और श्रुतज्ञानछा लाल होने पर
भोक्षप्राप्ति अथवा हेवत्व प्राप्तिहा वर्शन और
प्रथभाध्ययन सभाप्ति ५६ द्वितीयाध्ययन प्रारंभ-यास परीषहों का प्रस्ताव ५७ माछस परीषहों छा नाभ निष ५८ परीषहों छा स्व३धवार्शनमें क्षुधापरीषहरयता वार्शन और द्रढवीर्य मुनि डा द्रष्टांत
८७ ५८ घिधासापरीषह छा वर्शनभे पानभेच्छा वर्शन और धनप्रियमुनि द्रष्टांत
૧૦૧ ६० शीतधरीषह य डा वर्शन और उस विषयमें
भुनियतुष्टय छा द्रष्टांत ६१ परीषहषय छा वर्शन और सरहन मुनि हा द्रष्टांत
૧૦૮ ६२ शभशपरीष छा वर्शन और उस विषयमें सुटर्शन मुनि छा द्रष्टांत
૧૧ ૧ ६३ सयेलपरीष या वर्शन
११३ ६४ स्थविरघळा वर्शन और उस विषयमें संजना, पाहपोषगभन और संस्तार विधि डा वर्शन
૧૧૫ ६५ मिनछल्पिष्ठा वर्शनमें पिषशा विधि निधभर्याप्ता ૧૧૮ ६६ स्थविरलप और पिनत्पाहश प्रडारडा वर्शन
૧૨૧ ६७ आयैलज्य वर्शन और उस विषयमें सोभदेव मुनि छा
द्रष्टांत ६८ अरतिपरीषह या वर्शन और उस विषयमें महत्तभुनि छा द्रष्टांत
૧૨૯ ६८ स्त्री परीषहश्यठा वर्शन और लावायमुनि छा द्रष्टांत १३६ ७० यर्याधरीषहया वार्यान
૧૪૧ ७१ नैषधिष्ठी, श्यया, आठोश परीष वर्शन
૧૪પ ७२ वधपरीष यायनापरीषह और सलालपरीषहछा वर्शन ઉપર ७3 रोगपरीषह, तृधाश, परीषहछा वर्शन
૧૬૦ ७४ सत्कारपुरस्कार परीषह, प्रज्ञापरीषह, सज्ञानपरीषहछा वर्शन
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ઉત્તરાધ્યયન સૂત્ર : ૧