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४५ पूर्वहिशा छे ३यपर्वतस्थित हेवियों छा अवसर
प्राप्त पुर्तव्य छा नि३पारा अवसर प्राप्त छन्द्रकृत्य ठा नि३पाया शडी आज्ञानुसार पालघव रे द्वारा ही
गछ विछुर्वाहिठा नि३पा ४८ यानाहिसा निष्पति । पश्यात्त शर्तव्य ठा नि३पाश
छशानेन्द्र छा अवसर प्राप्तष्ठार्थ ठा नि३पारा ५० भवनवासी यभरेन्द्राहिया वार्यान ५१ अय्युतेन्द्र द्वारा की गई अलिषेठ सभग्री संग्रह छा वार्यान ५२ अय्युतेन्द्रकृत तीर्थराभिषेठठा नि३पा 43 अभिषेष्ठ ज्थनपूर्वष्ठ आशीर्वयन छा ज्थन ५४ शकृतकृत्य होप्टर भगवान डे पन्भनगरप्रति
प्रया छा ज्थन
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छठा वक्षस्तार द्विप यरभ प्रदेश ठा नि३पाया श द्वारों से प्रतिपाध विषय छा ज्थन
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सभाप्त
જમ્બુદ્વીપપ્રજ્ઞપ્તિસૂત્ર