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________________ छभ विषय पृष्ठ ४४ ४६ ४६ ४७ ४७ ४८ ४८ ५८ भंठाछ और ष्टिंभ छा यरित्र ५८ भुगरपाशि यक्षायतन छा वार्यान ૪પ ६० अईन डे हिनकृत्य ठा वायन ६१ अर्जुन छातनी साथ पुष्प जीनने डे लिये ताना ६२ गौष्ठिठ पुषों छा अन्धुभती छे प्रति हुँभाव ६3 गौष्ठिठ पु३षों द्वारा अन्धुभती छा शीध्वंश और मधून ठा यक्ष डे अस्तित्व में अविश्वास ६४ अधूनमें प्रविष्ट यक्षद्वारा अन्धुभती सहित छ गौष्टि पु३षों ठा विनाश ६५ श्रेशिठ राष्ट्र द्वारा प्रष्ट छो नगर से बाहर नहीं पाने छी घोषा उरना ६६ भगवान् महावीर जा सभवसरश ६७ भगवान् डे हर्शनठे लिये जाने छी छरछावाले सुदर्शन सेठ ठा अपने भातापिता ठे साथ संवाह ६८ भगवान् हर्शन के लिये प्यते हुये सुदर्शन ठे सभीप यक्ष छा माना ६८ सुदर्शन सेठ ठा साठार प्रतिभा ग्रहा ७० यक्ष द्वारा अर्जुन भाती हे शरीर का त्याग ७१ सुदर्शन और अर्जुनभाती ठा परियय ७२ सुदर्शन और मर्युनभाती ठा भगवान् हर्शन लिये पाना ७३ मधूनभाली छा घीक्षा और अभिग्रह छा ग्रहा रना પર ७४ लोगों द्वारा मधून अनगार ही निन्दा रना ७५ अर्युन अनगार छा दूसरों द्वारा छी गछ निन्छा आदि सहन उरना ४८ 40 40 પ૧ પ૧ પર પ૩ 43 શ્રી અન્નકૃત દશાંગ સૂત્ર
SR No.006436
Book TitleAgam 08 Ang 08 Antkrut Dashang Sutra Sthanakvasi Gujarati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1958
Total Pages87
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_antkrutdasha
File Size4 MB
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