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छभ विषय
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५८ भंठाछ और ष्टिंभ छा यरित्र ५८ भुगरपाशि यक्षायतन छा वार्यान
૪પ ६० अईन डे हिनकृत्य ठा वायन ६१ अर्जुन छातनी साथ पुष्प जीनने डे लिये ताना ६२ गौष्ठिठ पुषों छा अन्धुभती छे प्रति हुँभाव ६3 गौष्ठिठ पु३षों द्वारा अन्धुभती छा शीध्वंश और मधून
ठा यक्ष डे अस्तित्व में अविश्वास ६४ अधूनमें प्रविष्ट यक्षद्वारा अन्धुभती सहित छ गौष्टि
पु३षों ठा विनाश ६५ श्रेशिठ राष्ट्र द्वारा प्रष्ट छो नगर से बाहर नहीं पाने छी
घोषा उरना ६६ भगवान् महावीर जा सभवसरश ६७ भगवान् डे हर्शनठे लिये जाने छी छरछावाले सुदर्शन
सेठ ठा अपने भातापिता ठे साथ संवाह ६८ भगवान् हर्शन के लिये प्यते हुये सुदर्शन ठे सभीप
यक्ष छा माना ६८ सुदर्शन सेठ ठा साठार प्रतिभा ग्रहा ७० यक्ष द्वारा अर्जुन भाती हे शरीर का त्याग ७१ सुदर्शन और अर्जुनभाती ठा परियय ७२ सुदर्शन और मर्युनभाती ठा भगवान् हर्शन लिये
पाना ७३ मधूनभाली छा घीक्षा और अभिग्रह छा ग्रहा रना પર ७४ लोगों द्वारा मधून अनगार ही निन्दा रना ७५ अर्युन अनगार छा दूसरों द्वारा छी गछ निन्छा आदि
सहन उरना
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શ્રી અન્નકૃત દશાંગ સૂત્ર