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वर्ग १
૯પ
33 मासुठाधि वनस्पतिछाय छावों ही उत्पत्ति
आहिडा नि३पारा
शत: २७ वर्ग ठूसरा
८७
उ४ लोही, नीतू आहि वनस्पति शवों डी उत्पति
आहिछा निश्परा
तीसरा वर्ग
८८
उप सव माहिवनस्पतिछाय भावों में उत्पत्ति
आहिछा नि३पारा
यौथा वर्ग
उ६ पाठाहि वनस्पतिछाय छवों के उत्पत्ति माहिठा नि३पारा
८८
पांयवा वर्ग
૧૦૧
उ७ भाषा आहि वनस्पति उ भूल आदिवों में
उत्पत्ति आहिडा नि३पारा
योवसवां शतश: पहला
૧૦૨ ૧૦૩ ૧૦૬
૧૧૦
3८ टैशष्ठों द्वारो हा संग्रह उ८ नैरथिों उत्पात माहिद्वारो का नि३पारा ४० नैरथिष्ठों डे परिशाभ आहिद्वारो ठा नि३पाश ४१ धन्य स्थितिवाले उन नारों में उत्पन्न होने वाले
पयात असंज्ञी पश्येद्रिय छाव हा नि३पारा ४२ संज्ञी पंयेन्द्रिय तिर्थयों का नारो में उत्पत्ति
डा नि३परा ४७ पर्याप्तसंज्यातवर्षायुष्ठसंज्ञि पंयेन्द्रि तियैयो ।
शराप्रभा में उत्पति हा नि३पारा ४४ भनुष्यों से नारछो में उत्पत्ति आहिता नि३पारा
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શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૪