________________
४७ इन्द्रियों के उपयय प्रा नि३पाएा
थौथा उद्देशा
४८ पुद्रतों वर्णाहिभत्त्वा नि३पा पांय प्रदेशवाले स्न्ध प्रा नि३पा
४८
छ प्रदेश वाले स्न्ध डा नि३पए
૫૬
पांवां शा
40
૫૧
પર
सात प्रदेशवाले स्5न्ध वर्णाहि डा नि३पा आठ प्रदेशवाले स्न्ध से वर्णाहि डा नि३पए नव प्रदेशवाले स्न्ध से वर्णाहि डा नि३पा ५४ जाहरपरिएात अनन्त प्रदेशिए स्न्ध में पुद्रलगत
૫૩
वा नि३पा
पप जाहरपरिएात अनन्त प्रदेशिए स्न्धगत सात आठ स्पर्शगत लन्गो डा नि३पा परभाशु डे प्रकार प्रा नि३पा
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૩
॥ समाप्त ॥
२८३
૧૬૩
૧૬૪
૧૯૯
२१८
२३८
૨૬૧
२७५
૨૯૯
૩૩૩