________________
श्री भगवतीसूत्र लाग ८ वें ठी
विषयानुभाशिष्ठा
मनु.
विषय
पाना नं.
नववें शतष्ठापत्तीसवें शे हा प्रारंभ
१ अत्तीसवें अध्ययन हा विषय विवरण २ गांगेय सनगार छा वतव्य 3 उद्धर्तना हा नि३पारा ४ भवान्तरमें प्रवेशन छा नि३पारा ५ नैरथि प्रवेशन हे सत्य महत्व छा निधारा ६ तिर्थय योनिष्ठ प्रवेश छा नि३पारा ७ भनुष्यों डे प्रवेशना नि३पारा ८ हेवों डेलवान्तरमें प्रवेशनमा नि३पारा ८ नैरयिष्ठ वगैरह डे भवान्तरमें प्रवेशन डा सत्य महत्व
आहिछा नि३पारा १० नैरथिमाहित्यात आहिला सान्तर निरन्तर होने
डा ज्थन ११ गांगेय अनगार हे निर्वाश डा नि३पारा
6 m
तेतीसवें टैशाष्ठा प्रारंभ
१०७ १०८ ૧૧પ ૧૨૦ ૧૪૭
१२ तेत्तीसवें शेजा विषय विवरण १३ ऋषभत्ता निर्वाश डा वर्शन १४ हेवानंघा रे पुत्रवात्सत्यता छा नि३पारा १५ भालि प्रा छा ज्थन १६ Yभालि क्षिा ग्रह हा नि३पारा १७ महावीर स्वामी ज्थन प्रतिभालि छा अश्रद्धा
युटत होने हा ज्थन १८ भालि भिथ्याभिभानपने छा और जासधर्भप्राप्ति
छा ज्थन १८ भालिजा छिल्लिषिवपनेसे उत्पन्न होने जा ज्थन २० हेअछिल्सिपिठों हेमेटों जा ज्थन
૧૬૬
૧૭૬ ૧૮૧ ૧૮૨
श्री. भगवती सूत्र : ८