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अनु.
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७
श्री भगवतीसूत्र भाग ७ डी
विषयानुभि
विषय
૧
आठवें हैशेा विषय विवरा
२ गुर्वाभप्रत्यनी स्व३प डा नि३पा ૩ व्यवहार के स्वरूप ा नि३पा ४ प्रर्भजन्ध स्वरूप प्रा नि३पा
आठवें शत का आठवां उद्देश
सांपराप्रिर्भजन्ध के स्वरूप का नि३पा - प्रकृति और परीषह डे स्वरूप प्रा वन परीषह द्वे हेतुभूत सूर्य डा नि३पाएा
श्री भगवती सूत्र : ७
नववा शा
८ नववें हैशे प्रा संक्षिप्त विवर जन्ध के स्वरूप प्रा नि३पा
८
१०
विस्त्रासा जन्ध डे स्व३प प्रा नि३पा ११ प्रयोगजन्ध से स्व३प डा नि३पा
१२ जौहारिए शरीर प्रयोगजन्ध ST वएर्शन वैडिय शरीर प्रयोगजन्धावनि
૧૩
१४ वैडिय शरीर गमनागमन विषय प्रयोगजन्ध SI वर्शन आहार शरीर प्रयोगजन्ध का वर्शन
૧૫
૧૬
तेभ्स शरीर प्रयोगजन्ध डा वन १७ डाभीएशशरीर प्रयोगजन्ध डा नि३पाए
१८ जौहारिाहि जन्धों से परस्पर में सम्जन्ध डा नि३पा १८ जौहारिए जहि शरीरों के हेशजन्ध, सर्वजन्ध और अजन्धऽ ऽ अत्यजहुत्व का प्रथन કે
शवां शा
२० दृशवें हैशे प्रा संक्षिप्त विषय विवरा
૨૧
शील श्रुताहि डा नि३पा आराधना प्रानिपा
૨૨
पाना नं.
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१०
૨૬
४३
૫૩
यय
પ
६४
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