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________________ अनु. विषय पाना नं. ૧૬૬ १७० ૧૭૮ ४४ परभाशु-पुङ्गलाहिडे विभाग हा नि३पारा ४५ परभाशु-पुद्रलडे परस्पर में स्पर्शना हा नि३पारा ४६ परभाशु-पुद्रलों आहिडी स्थिति मेवं अन्तरछाला नि३पारा पुद्रत द्रव्य हे सत्य महत्व छा नि३पारा ४८ नैरयिष्ठों उससुरभार आटिंडो और सेडेन्द्रियाहि छो मारंभ अनारम्भ आहिला नि३पाश ४८ हेतु स्व३प डा नि३वारा ४७ ૧૮૭ ૧૯૩ २०१ आठवां शिष्ठ २०७ ५० आठवें शडे विषय डा विवरण ५१ पुगत स्वस्थ झा नि३पारा ५२ जीवी वृद्धिहाइमाहिडा नि३पारा २०८ ૨૨૭ नववां शिष्ट ૨૪૨ 43 नववे शडे विषयों डा विवरण ५४ रागृह नगर स्व३प हा नि३पारा ५५ प्राश और अन्धकार स्व३प डा नि३पारा ५६ नैरथि माहिछवों सभयाहि ज्ञानछा नि३पारा ५७ पापित्यीय स्थविर और महावीर स्वाभी ला संवाह ५८ देवलो स्व३प हा नि३पारा ૨૪૩ ૨૪૬ ૨પ૦ ૨૫૪ ૨૬૧ सवां शिष्ठ ५८ यन्द्र स्व३प हा नि३पाश ૨૬૩ છઠે શતક કે પહલા ઉદેશક ६० पहले शेळे विषय का संक्षिप्त विवरण ६१ हैशे विषय संग्राहछ गाथा ६२ वेहना निर्भरा डे स्व३प छा नि३पारा ६३ साडे स्व३ध छा नि३पारा ६४ वेहना और निर्भरा डे साहयर्थ हा नि३पारा ૨૬૮ ૨૬૯ २७० ૨૮૦ ૨૮૪ श्री. भगवती सूत्र:४
SR No.006418
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 04 Sthanakvasi Gujarati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages420
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size20 MB
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