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________________ अनु. विषय २३ जायार्य और उपाध्यायडे अतिशयमें रहने पर भिनाज्ञाडा अनुसंधना नि३पा २४ अथार्थ और उपाध्यायडे गुएासे जाहर होनेडे विषया निपा २ ऋद्धिवाले मनुष्य विशेषा नि३पडा तीसर शा २६ अस्तिप्राय स्व३पडा नि३पा २७ न्द्रियोंडे अर्थोडो और इन्द्रिय संांधी पार्थोडा नि३पा २८ जाहर भवविशेषा नि३पा २८ सयेतन जायु विशेष प्रकारसे नि३पा डरनेवाले निर्ग्रन्था नि३पा 30 निर्ग्रन्थोंडे उपधि विशेषा नि३पा 39 प्रायाहि धर्मोपगतामा नि३पा ३२ शौयडे स्व३पडा नि३पा 33 छलस्थ ठेवली ज्ञेय अज्ञेय पार्थो विषयमा थन ३४ अधोलोङमें रहे हुने जेवं र्ध्वसोऽमें रहे हुये अतीन्द्रिय लावा नि३पा ३६ वनी 34 मत्स्यडे दृष्टान्तसे लिक्षुठे स्व३पडा निपा स्व३पा नि३पा प्रशंसास्थानोंडा नि३पा ३७ जये ३८ उत्टडे पांय लेर्होडा नि३पा ३८ समिति पांय प्रारा नि३पा ४० भुवडे स्व३पडा नि३पा ४१ वनस्पतिभुव हे योनिविच्छेडा नि३पा ४२ पांय प्रकार संवत्सरडा नि३पा ४३ ४४ खाडे छेडा नि३पा ४५ नंतर्या नि३पा ४६ पांथ प्रकारडे अनन्ता निपा ४७ ज्ञानडे स्व३पडा नि३पा ४८ स्वाध्यायडे पंथविधताका नि३पा ४८ प्रत्याज्यानडे स्व३पडा नि३पा 40 प्रतिभा स्व३पडा नि३पा ऐ वा शरीर से निर्गम (निलना) डा नि३पा श्री स्थानांग सूत्र : ०४ पाना नं. ૫૪ पट ६० ૬૧ ૬૬ ७३ ७४ ८० ८२ ८५ ८७ ८८ ८० ૯૧ ૯૨ ८४ ८४ ૯૫ ૯૬ ८७ १०१ १०२ १०३ १०४ ૧૦૫ १०६ १०७ १०८
SR No.006412
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 04 Sthanakvasi Gujarati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1965
Total Pages316
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size13 MB
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