SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 11
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अनुभाशा अनु. विषय पाना नं. प्रथम अध्ययन डे प्रथम देश ૧ મંગલા ચરણ २ ज्ञानछा भंगतत्व का प्रतिपाहन उ सन्धझे स्व३धष्ठा नि३पारा ४ परिगृहस्व३पठा नि३पारा ५ प्रठारान्तर से सन्धठे स्व३धष्ठा नि३पारा ६ धर्भमन्धसे निर्वृत्तिछा नि३पारा ७ स्वसभयभे प्रतिपाहित अर्थष्ठा थन-रने डे पश्चात परसभयमें प्रतिधाहित अर्थ छा ज्थन ८ याठि भत हे स्व३५ष्ठा ज्थन ८ वेधान्तियों डे सेठात्भवाछा नि३पारा १० अद्वैतवाहियों भत हा अंऽन ११ तकीव तरछरीरवाधियों के भतछा नि३पारा १२ पुश्य और पाप हे मलावा नि३पारा १३ अठारवाही-सांज्यभतछा नि३पारा १४ अठारवाध्यिों छे भत छा जाउन १५ पृथिवी आधिभूतों और आत्माष्ठा नित्यत्व १६ क्षशिवाहिनौद्धभत हा निधारा १७ यतुर्धातुवाही सौद्धभत हा नि३पारा १८ याठिसे लेटर सौद्धधर्यन्त छे भन्यभत-वाध्यिों डे भतछा निष्लत्वष्ठा प्रतिपाहन ठूसरा देश १८ भिथ्यादृष्टि नियतवाधियों के भतष्ठा नि३था २० नियत्याहि सन्यभतवाहियों छी भोक्षप्राप्ति डा अभाव छा ज्थन २१ अज्ञानवाध्यिों मतछा निधारा में भृगठा दृष्टान्त २२ पाशमें अंधेहुसे भृगही अवस्थामा नि३पारा ૧૦૧ १०८ ૧૧૦ ૧૧૨ શ્રી સૂત્ર કૃતાંગ સૂત્રઃ ૦૧
SR No.006405
Book TitleAgam 02 Ang 02 Sutrakrutang Sutra Part 01 Sthanakvasi Gujarati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1969
Total Pages256
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_sutrakritang
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy