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तत्त्वार्थ सूत्रे
मूलम् - तत्थ अणुव्वयाइं पंच, थूल - हिंसा - मुसावायतेणिक्क- मेहुण - परिग्गहविरमण भैया ॥२२॥
छाया - तत्राणुव्रतानि पञ्च स्थूलहिंसा रुपावाद-स्तैन्य मैथुन- परिग्रहविर मणभेदात् ||२२||
मूलम् - गुणव्वयाई तिन्नि, दिसिव्यय-उवभोगपरिभोगपरिमाण अणदुदंड विरमणभेया ॥ २३ ॥
छाया - गुणव्रतानि त्रीणि, दिग्वतो-पभोगपरिभोगपरिमाणानर्थदण्डविरमणभेदात् ॥ २३ ॥
मूलम् - सिक्खावयाई पोस होववास - अतिहिसंविभागभेया ||२४||
चत्तारि, सामाइय- देसावगासिय
'तस्थ अणुव्वयाई पंच धूल हिंसा मुसावाय-तेणिक मेहुण-परिगहविरमणभेया ॥२२॥
सूत्रार्थ -- अणुव्रत पांच हैं - (१) स्थूल हिंसाविरमण (२) स्थूल मृषावादविरमण (३) स्थूल स्तेयविरमण (४) स्थूल मैथुन विरमण और स्थूल परिग्रह विरमण ॥ २२ ॥
'गुणचयाई तिन्नि, दिसिव्यय उवभोगपरिभोगपरिमाणअण्ड दंडविरमणभेया ॥ २३ ॥
सूत्रार्थ -- गुणव्रत तीन हैं-दिशात्रत, उपभोग परिभोग परिमाण और अनर्थदण्ड विरमण || २३ ||
'सिक्खाबयाई चत्तारि, सामाइय- देसावगासिय-पोसहोदवास अतिहिसंविभाग भेया ||२४||
मूलमू- तत्थ अणुव्वयाई पंच थूल - हिंसा - मुसावाय-तेणिक्क- मेहुणपरिगृहविरमणया ||२२||
सूत्रार्थ - आयुक्त यांय छे - (१) स्थूणडिसा विरभ (२) स्थूणभूषावाह विश्भय (3) स्थूणस्तेय विरमण (४) स्थूलमैथुन विरमाणु भने (4) स्थूणપરિગ્રહ વિરમણુ. ારા
मूलम् - गुणव्वयाई तिन्नि, दिसिव्वय-उवभोग परिभोग परिमाण अणदुदंड विरमणभेया २३
સૂત્રાર્થ-ગુણવ્રત અનઇન્ડ વિરમણ, ારા
ત્રણ છે–દિશાત્રત, ઉવભેગ પરિભાગ પરમાણુ અને
मूलम् - सिक्खावयाई चत्तारी, सामाइय- देसावगासिय-पोसहोववास अतिहिसंविभागभेया २४
શ્રી તત્વાર્થ સૂત્ર : ૨