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________________ अनुक्रमाङ्क २२ २३ २४ २५ २६ 22 २७ २८ २९ ३० ३१ ३२ ३३ ३४ ३५ ३६ ३७ ३८ ३९ ४० ४१ ४२ ४३ ४४ विषय पांच इन्द्रियों के पांच विषयों का प्रतिपादन सू० २१ मनके नो इन्द्रियत्व का निरूपण सू० २२ पुद्गलों एवं जीवोंके गति का निरूपण सू० २३ जीवों की गति का निरूपण सू० २४ भवान्तर गमन के मार्ग में अन्तर्गत में वर्तमान जीवों के योगका निरूपण सू० २५ सिद्धों की गति का निरूपण सू० २६ विग्रहगति वाले जीवों के अनाहारक पनेका निरूपण सू० २७ जीवों के उत्पात का निरूपण सू० २८ जोबों के शरीर उनकी संख्या एवं शरीरों के लक्षण का निरूपण सू० २९ जीवों के शरीर भेद का निरूपण सू० ३० कार्मण शरीर के उपभोग रहितत्वका निरूपण सू० ३१ औदारिक शरीर के भेद का कथन सू० ३२ वैक्रिय शरीर एवं उनके भेदों का निरूपण सू० ३३ आहारक शरीर का निरूपण सू० ३५ कार्मण शरीर का निरूपण सू ० ३६ शरीरधारियों के स्त्री पुं आदि वेद का निरूपण सू० ३७ देवों के दो वेद का निरूपण सू० ३८ नाटक एवं संमूच्छिम जीवों के नपुंसक वेद का निरूपण सू० ३९ नारकों एवं संमूर्छिम जीवों से अतिरिक्त गर्भज पंचेन्द्रियतिर्येच एवं मनुष्य के तीनों वेद का निरूपण सू० ४ नारकादिके आयुकालका निरूपण सू. ४१, पृष्ठाङ्क ७७-७९ ७९-८३ ८३-८७ ८७-९६ શ્રી તત્વાર્થ સૂત્ર : ૧ ९६ - १०० १०१-१०२ १०३-१०६ १०६ - ११५ ११५-१२१ १२२-१३१ १३२ १३२-१३५ १३६ - १४२ १४२ - १५२ १५२ - १५३ १५३-१५६ १५६ - १५८ १५८-१६० १६१ १६१-१७० दूसरा अध्याय धर्म अधर्म आदि पांच प्रकार के अजीव तत्व का निरूपण सु. १ १७१ - १७६ छह प्रकार के द्रव्य का निरूपण सू० २ १७६ - १८१ धर्मादि द्रव्यों के नित्य अवस्थितत्व का निरूपण सू० ३ १८२ - १८६
SR No.006385
Book TitleTattvartha Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1973
Total Pages1032
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size60 MB
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