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________________ उत्तराध्ययनसूत्रे तत्र भवनवासिनां नामान्याहमूलम्-असुरा नागसुवण्णा, विज्जू अग्गी विवाहिया । दीवोदहि दिसा वाया, थणिया भवनवासिणो ॥२०५॥ छाया-असुरनागसुपर्णाः, विद्युतः अग्नयो व्याख्याताः। द्वीपोदधयो दिशो वाताः, स्तनिता भवनवासिनः ॥२०५॥ टीका-'असुरा' इत्यादि असुराः असुरकुमाराः१, एवं नागादिष्वपि कुमारशब्दो योजनीयः। सर्वेऽ. प्येते हि कुमाराकारधारिण एव। कुमारवदेवकान्तदर्शनाः, सुकुमाराः, मृदु मधुर टधा) आठ प्रकारके हैं (जोइसिया-ज्योतिषिकाः) ज्योतिषी देव (पंचविहा-पंचविधाः) पांच प्रकारके है । (तहा-तथा) तथा (वेमाणिया-वैमा. निकाः) वैमानिक देव (दुविहा-द्विविधा) दो प्रकारके हैं ॥ २०४॥ अब भवनवासी देवोंके नाम कहते हैं-'असुरा' इत्यादि। अन्वयार्थ-(भवणवासिणो-भवनवासिनः) भवनवासियोंके दस भेद इस प्रकार हैं (असुरा-असुराः)असुरकुमार (नागसुवण्णा-नागसुवर्णा) नागकुमार सुवर्णकुमार (विज्जू-विद्युतः) विद्युत्कुमार (अग्गी-अग्नयः) अग्निकुमार (दिवोदही-द्वीपोदधयः) द्वीपकुमार, उद्धिकुमार, (दिसादिशः) दिक्कुमार, (वाया-वाताः) वायुकुमार तथा (थणिया-स्तनिताः) स्तनितकुमार । इन्हें कुमार इसलिये कहा गया है, कि ये समस्त असुरकुमार आदि बालकोंके जैसा आकार धारण करते हैं तथा बालकोंके जैसे ये देखनेवालोंको प्रिय लगते है बडे ही सुकुमार होते है, मृदु मधुर जोइसिया-ज्योतिषिकाःयतिषि व पंचविहा-पंचविधा पांय प्रा२न। छ. तहा-तथा तथा वेमाणिया-वैमानिकाः वैमानि ५ दुविहा-द्विविधाः मे प्रारना छ. ॥ २०४॥ हवे अपनवासी हेवाना नाम ४९ छ-" असुरा" त्या । मन्वयार्थ-भवणवासिणो-भवनवासिनः सपनवासीमाना स ४।२। ले म प्रारना छ असुरा-असुराः मसुरशुभा२, नागसुवण्णा-नागसुपर्णाः नागभार, सुपर्ण भा२, विज्जू-विद्युतः विधुतभार, अग्गी-अग्नयः मनिशुमार, दीवोदही-द्विपोदधयः अधिभार, दिसा-दिशः (६५भा२, वाया-वाताः वायुमार, तथा थणिया-स्तनिताः स्तनितमा२. २ समान हुभा२ २॥ भाट वामा આવેલ છે કે, તે સઘળા અસુરકુમાર આદિ બાળકૈના જેવા આકાર ધારણ કરે છે તથા બાળકની જેમ જેવાવાળાને તે પ્રિય લાગે છે. ખૂબ સુકુમાર उत्तराध्ययन सूत्र : ४
SR No.006372
Book TitleAgam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Part 04 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1960
Total Pages1032
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_uttaradhyayan
File Size55 MB
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