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________________ २०७ सिद्धों के स्वरूपका निरूपण ७९४-७९८ २०८ अलोकमें गति के अवरोधका निरूपण ७९९-८०२ २०९ पृथिवी के संस्थानादिकका निरूपण ८०३-८०८ २१० सिद्धों के एकादि प्रदेशोंमें चलनस्वभावका निरूपण ८०९-८२१ २११ संसारी के स्वरूपका निरूपण ८२२-८२६ २१२ श्लक्ष्ण पृथिवी के सात भेदका निरूपण ८२७-८२८ २१३ खर पृथिवी जीवों के छत्तीस भेदोंका निरूपण ८२९-८३१ २१४ पृथिवीकाय जीवोंका निरूपण ८३२-८३७ २१५ अपकाय जीवोका निरूपण ८३८-८४१ २१६ वनस्पतिकाय जीवों का निरूपण ८४२-८५० २१७ सकाय जीवका निरूपण ८५१-८५३ २१८ अग्निकाय जीवोका निरूपण ८५४-८५८ २१९ वायुकाय जीवोंका निरूपण ८५९-८६२ २२० उदार तीसरे प्रकारके त्रस जीवका निरूपण ८६३-८६४ २२१ द्वीन्द्रिय जीवोका निरूपण ८६९-८७२ २२२ त्रिन्द्रिय जीवोका निरूपण ८६९-८७२ २२३ चतुरिन्द्रिय जीवका निरूपण ८७३-८७६ २२४ पञ्चेन्द्रिय नैरयिक जीवका निरूपण ८७७-८८६ २२५ जलचर जीवोंका निरूपण ८८७-८९० २२६ स्थलचर जीवोका निरूपण ८९१-८९६ २२७ खेचर जीवका निरूपण ८९७-९०० २२८ मनुष्योंके भेदका निरूपण ९०१-९०८ २२९ देवोंके भेदका निरूपण ९०९-९१८ २३० देवोंके स्थानादिका निरूपण ९१९ २३१ देवोंकी आयुः स्थितिका निरूपण ९२०-९३२ २३२ देवोंकी कायस्थितिका निरूपण ९३३-९३४ २३३ प्रस्तुत प्रकरणका उपसंहार ९३५-९३७ २३४ संलेखनाके भेदका निरूपण ९३८-९४३ २३५ संथारा में स्थित मुनिकी भावनाका निरूपण ९४४-९५२ २३६ कंदर्पादि भावनाका निरूपण ९५३-९६३ २३७ शास्त्रका उपसंहार ९६४-९६५ २३८ शास्त्रप्रशस्ति ९६६-९६७ उत्त२॥ध्ययन सूत्र:४
SR No.006372
Book TitleAgam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Part 04 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1960
Total Pages1032
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_uttaradhyayan
File Size55 MB
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