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________________ आचारमणिमञ्जूषा टीका, अध्ययन ८ गा. ४६-४७ १६१ पश्चाद्भागे च कृत्वा तिष्ठेत् उपविशेत् , पार्श्वत उपवेशने एकपङ्क्त्युपवेशननिमित्तकाऽविनयादिदोषाविर्भागत् , अग्रत उपवेशने वन्दनकर्तृणामाभिमुख्यप्रतिरोधादिना वन्दनालापाद्यन्तरायसम्भवात् , पृष्ठत उपवेशने आचार्य दृष्टिपातपात्रता. प्रतिरोधसद्भावाच्चेति भावः। तथा गुर्वन्तिके-गुरोः समीपे ऊरूं समासाद्यऊरोरुपरि ऊरुं कृत्वा न तिष्ठेत नोपविशेत , तथा सनि अविनयौद्धत्यादिदोषापातादिति भावः ॥ ४६ ॥ मूलम्-अपुच्छिओ न भासमाणस्स अंतरा। पिट्रिमंस न खाइज्जा, मायामोसं विवज्जए॥४७॥ छाया-अपृष्टो न भाषेत भाषमाणस्य अन्तरा। पृष्ठमांस न खादेत् मायामृषा विवर्जयेत् ॥ ४७ ॥ टीका-साधुः अपृष्टः केनाप्यनापृष्टो न भाषेत, तथा भाषमाणस्य 'न पक्खओ' इत्यादि । साधु, आचार्य आदि तथा जो मुनि दीक्षा में बडे हो उनके न पसवाडे की तरफ-बराबरी में बैठे, न आगे बैठे. न पीठ की ओर संघटा करता हुआ बैठे । पसवाडे की और बैठने से बराबरी पर बैठने के कारण अविनय आदि दोष लगते हैं:, आगे बैठने से वन्दना करनेवालों के लिए उनका सामना रुक जाता है अतः वन्दना और बोल चाल में विघ्न आ जाता है; पीछे की और बैठने से आचार्य आदि की दृष्टि नहीं पड सकती; इस के सिवाय गुरु महाराज के समीप पैर पर पैर रखकर भी न बैठे, क्योंकि ऐसे बैठने से अविनय और अहंकार आदि दोष आते हैं ॥४६॥ 'अपुच्छिओ' इत्यादि । किसी विषय पर आचार्य महाराज ___ न पक्खओं त्याहि. साधु, माया मा तथा भुनि दीक्षामा 43 હોય તેમની બાજુની તરફ ન બેસે તેમની આગળ ન બેસે, પીઠની બાજુએ ન બેસે. બાજુની તરફ બેસવાથી બરાબરીએ બેસવાને કારણે અવિનય આદિ દોષ લાગે છે આગળ મોખરે) બેસવાથી વંદના કરનારાઓને માટે એમની સમીપતા રે કઈ જાય છે તેથી વંદના અને બેલ ચાલમાં વિન આવે છે. પાછળની બાજુએ બેસવાથી આચાર્ય આદિની દ્રષ્ટિ પડી શકતી નથી. ઉપરાંત ગુરૂ મહારાજની સમીપે પગ પર પગ રાખીને પણ ન બેસવું, કારણકે એમ બેસવાથી અવિનય અને અહંકાર साहि दोष मागे छे. (४६) अपच्छिओ० आई विषय ५२ मायार्य महारा भाषण ४री रहा શ્રી દશવૈકાલિક સૂત્ર: ૨
SR No.006368
Book TitleAgam 29 Mool 02 Dasvaikalik Sutra Part 02 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1960
Total Pages287
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_dashvaikalik
File Size15 MB
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