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________________ ३२ जे भिक्खू परं अद्धजोयणमेराओ सपायपहंसि पायं अभिहडं आहटु दिज्जमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ ॥ ८॥ जे भिक्खू धम्मस्स अवन्नं वयइ वयं वा साइज्जइ ॥९॥ जे भिक्खू अधम्मस्स वण्णं वयइ वयंत वा साइज्जइ ॥ १०॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा पाए आमज्जेज्ज वा पमज्जेज्ज वा आमजतं वा पमज्जंत वा साइज्जइ ॥ ११॥ एवं तइयउद्देसगमो णेयव्वो णवरं अण्णअस्थियस्स वा गारत्थियस्स वा अभिलावो जाव जे भिवखू गामाणुगामं दूइज्जमाणे अण्णाउत्थियरस वा गारत्थियरस वा सीसदुवास्यिं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥१२-६३॥ जे भिक्खू अप्पाणं बीहावेइ बीहावेंतं वा साइज्जइ ॥ जे भिक्खू परं बीहावेइ बीहावेतं वा साइज्जइ ॥६५॥ जे भिक्खू अप्पाणं विम्हावेइ विम्हावेंतं वा साइज्जइ ॥६६॥ जे भिक्खू परं विम्हावेइ विम्हावेंतं वा साइज्जइ ॥६७॥ जे भिक्खू अप्पाणं विपरियासेइ विपरियासंतं वा साइज्जइ ॥६८॥ जे भिक्खू परं विपरियासेइ विपरियासंतं वा साइज्जइ ॥६९॥ जे भिक्खू मुहवणं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥७॥ जे भिक्खू वेरज्जविरूद्धरज्जंसि सज्जो गमणं सज्जो आगमणं सज्जो गमणागमणं करेइ करेंत वा साइज्जइ ॥७१॥ जे भिक्खू दियाभोयणस्स अवण्णं वयइ वयंतं वा साइज्जइ ॥७२॥ जे भिक्खू राइभोयणस्स वण्णं वयइ वयंत वा साइज्जइ ॥७३॥ जे भिक्खू दिया असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिग्गाहेत्ता दिया भुंजइ दिया मुंजतं वा साइज्जइ ॥७४॥ जे भिक्खू दिवा असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिग्गाहेत्ता रत्तिं भुजइ रतिं भुंजतं वा साइज्जइ ॥७५॥ जे भिक्खू रत्तिं असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिग्गाहेत्ता दिया भुंजइ दिया मुंजत वा साइज्जइ ॥७६॥ जे भिक्खू रत्तिं असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिग्गाहेत्ता रत्ति भुंजइ रत्तिं भुजंतं वा साइज्जइ ॥७७॥ શ્રી નિશીથ સૂત્ર
SR No.006362
Book TitleAgam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1969
Total Pages550
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_nishith
File Size28 MB
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