SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 33
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ર जे भिक्खू सोत्तियं वा रज्जुयं वा चिलमिलिं वा अण्णउत्थिएण वा गारस्थिएण वा कारेइ कारेंतं वा साइज्जइ ॥ १५ ॥ जे भिक्खू सूचीए उत्तरकरणं अन्नउत्थिएण वा गारत्थिएण वा कारेइ कारेंतं वा साइज्जइ ॥ १६॥ जे भिक्खू पिप्पलगस्स उत्तरकरणं अन्नउत्थिएण वा गारस्थिएण वा कारेइ कारें वा साइज्जइ ॥ १७॥ जे भिक्खू नहच्छेयणगस्स उत्तरकरणं अन्नउत्थिएण वा गारस्थिएण वा कारेs कार वा साइज्जइ ॥ १८॥ जे भिक्खू कण्णसोहणस्स उत्तरकरणं अन्नउत्थिएण वा गारस्थिएण वा कारेइ, कारेंतं वा साइज्जइ ॥ १९ ॥ जे भिक्खू अणट्टयाए सूई जायइ, जायंतं वा साइज्जइ ॥२०॥ जे भिक्खू अणट्टयाए पिप्पलगं जायइ, जायंतं वा साइज्जइ ॥२१॥ जे भिक्खू अणट्टयाए कण्णसोहणगं जायर, जायंतं वा साइज्जइ ॥ २२॥ जे भिक्खू अणट्टयाए णहच्छेयणगं जायइ, जायंतं वा साइज्जइ ||२३|| जे भिक्खू अविहीए सूई जायइ, जायंतं वा साइज्जइ ||२४|| जे भिक्खू अविहीए पिप्पलगं जायइ, जायंत वा साइज्जइ ||२५|| जे भिक्खू अविहीर नहच्छेयणगं जायइ, जायंत वा साइज्जइ ||२६|| जे भिक्खू अविही कण्णसोहणगं जायइ, जायंतं वा साइज्जइ ||२७|| जे भिक्खू अप्पणो एगस्स अट्ठाए सूई जाइत्ता अण्णमण्णस्स अणुप्पएइ, अणुपर्यंत वा साइज्जइ ॥ २८ ॥ जे भिक्खू अपणो एगस्स अट्ठाए पिप्पलगं जाइत्ता अण्णमण्णस्स अणुप्पएइ अणुपतं वा साइज्जइ ॥२९॥ जे भिक्खू एस्स अहाए नहच्छेयणगं जाइत्ता अण्णमण्णस्स अणुप्पएइ अणुष्पतं वा साइज्जइ ॥ ३०॥ जे भिक्खू अप्पणो एगस्स अट्ठाए कण्णसोहणगं जाइत्ता अण्णमण्णस्स अणुप्पएइ अणुप्पयतं वा साइज्जइ ॥३१॥ जे भिक्खू पाडिहारियं सूई जाइत्ता वत्थं सीविस्सामि-त्ति पार्यं सिव्वइ सिच्वंतं वा साइज्जइ ||३२|| શ્રી નિશીથ સૂત્ર
SR No.006362
Book TitleAgam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1969
Total Pages550
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_nishith
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy