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________________ अनुक्रमाङ्क १ ६ ७ १० ११ १२ १३ १४ १५ १६ १७ १८ १९ २० २१ २२ २३ जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति भाग तीसरे की विषयानुक्रमणिक विषय सातवां वक्षस्कार चन्द्रसूर्यादिग्रह विशेषों की संख्या का कथन सूर्यमण्डलका निरूपण मेरुमंडल के अबाधाद्वारका निरूपण मण्डल के आयामादि वृद्धिहानिद्वार का निरूपण मुहूर्त गति का निरूपण दिनरात्रि वृद्धिहानि का निरूपण क्षेत्र का निरूपण दुरासन्नादि द्वार का निरूपण प्रकारान्तर से तापक्षेत्र का निरूपण इन्द्र के च्यवन के द्वारको व्यवस्था का कथन चन्द्रमण्डल की संख्या आदिका निरूपण प्रथमादिमंडल की अबाधा का निरूपण सर्वाभ्यन्तरमण्डल के आयामादि का निरूपण मुहूर्त गति का निरूपण नक्षत्राधिकार का निरूपण सूर्य के उदयास्तमन का निरूपण संवत्सरों के भेदों का निरूपण एकसंवत्सर में मानसंख्या का निरूपण करणों की संख्यादि का निरूपण संवत्सर की आदि का कथन नक्षत्राधिकार का निरूपण नक्षत्र के देवताओ का निरूपण नक्षत्रों के गोत्र का कथन જમ્બુદ્વીપપ્રજ્ઞપ્તિસૂત્ર पृष्ठाङ्क १-७ ८-१६ १६-२६ २६-३७ ३७-६५ ६६-८२ ८४-१०६ १०७-१३२ १३२-१४० १४०-१४८ १४९-१५८ १५८-१६८ १६९-१८१ १८२-१९६ १९७-२३० २३०-२६३ २६३-२८८ २८९-३०३ ३०४-३१३ ३१३-३२१ ३२२-३३५ ३३५-३४५ ३४५-३५३
SR No.006356
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Part 03 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1978
Total Pages567
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_jambudwipapragnapti
File Size35 MB
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