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________________ प्रज्ञापनासूबे यदि कर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारकशरीरं किं संख्येयवर्षायुष्कर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारशरीरम् ? असंख्येयवर्षायुष्कर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारकरीरम् गौतम ! संख्येयवर्षायुष्ककर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारकशरीरं नो असंख्येयवर्षायुकर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारकशरीरम्, यदि संख्येयवर्षायुष्कर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारकशरीरम्, किं पर्याप्तकसंख्येयवर्षायुष्कर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारगर्भज मनुष्य का आहारक शरीर होता है (किं संखेज्जवासाउथ कम्मभूमग गम्भवक्कंतियमणूस आहारगसरीरे) क्या संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर होता है ? (असंखेज्जवासाउयकम्मभूमग मभवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे ?) या असंख्यात वर्ष की आयु वाले, कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर होता है ? (गोयमा! संखिज्जवासा उय कम्मभूमग गम्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे) हे गौतम ! संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर होता है (नो असंखेज्जवासउय कम्मभूमगगब्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे) असंख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर नहीं होता (जइ संखेज्जवासाउय कम्मभूमग गभ वतियमणूस आहारगसरीरे) यदि संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारक शरीर होता है (किं पजत्तगसंखेन्जवासाउय कम्मभूमग गब्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे ? अपजत्तग संखेज्जवासाउय कम्मभूमगगभरकंतियमणसआहारगसरीरे?) तो क्या पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर होता है, या अपर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमिज गर्भज (जइ कम्मभूमग गब्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे) यहि मभूमिना / मनुव्यना माहा२४शरी२ ३ाय (किं संखेज्जवासाउय कम्मभूमग गब्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे) सभ्यात पनी मायुवा ४मभूमिना गरी मनुष्यना (२४१२२ हाय ? (सखेजवासाउय कम्मभूमगगब्भवक्कंतियमणूस आहारगसरीरे ?) म॥२ मसभ्यात વર્ષની આયુવાળા કર્મભૂમિના ગર્ભજ મનુષ્યના આહારકશરીર હોય છે?). (गोयमा ! संखिज्जवासाउय कम्मभूमग गब्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे) गौतम! સંખ્યાત વર્ષની આયુવાળા કર્મભૂમિના ગર્ભજ મનુષ્યને આહારકશરીર હોય છે (નો असंखेज्जवासाउय कम्मभूमग गब्भवतिय मणूस आहा रगसरीरे) #स यात वर्षनी मायुવાળા કર્મભૂમિના ગર્ભજ મનુષ્યના આહારકશરીર નથી કહેતાં (जइ संखेज्जवासाउय कम्मभूमग गब्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे) या सज्यात पानी भायुवा। भभूमिना Mr मनुष्यना माह।२५शरी२ डाय छ (किं पज्जत्तग संखेज्जवासाउय कम्मभूमग गम्भवक्कंतिय मणूस आहारगसरीरे ? अपज्जत्तग संखेज्जवासाउय श्री. प्रशान। सूत्र:४
SR No.006349
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 04 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1978
Total Pages841
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_pragyapana
File Size58 MB
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