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___प्रज्ञापनासत्र तेउलेस्साओ असंखेजाओ, काउलेस्ताओ असंखेजगुणाओ, नीललेस्सा
ओ विसेसाहियाओ, कण्हलेस्लामो विसेसाहियाओ, तेउलेस्साओ वाणमंतरीओ देवीओ असंखेज्जगुणाओ, काउलेस्साओ असंखेज्जगुणाओ, नीललेस्लाओ विसेसाहियाओ, कण्हलेस्साओ विसेसाहियाओ, तेउ. लेस्लाओ जोइसिणीओ देवीओ संखेज्जगुणाओ, एएसिणं भंते ! भवणवासीणं जाव वेमाणियाणं देवाण य देवीण य कण्हलेस्लाणं जाव सुक्कलेस्साण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा, बहुया वा, तुल्ला था, विसे साहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा वेमाणिया देवा सुक्कलेस्ता, पम्हलेस्सा असंखेज्जगुणा, तेउलेस्सा असंखेज्जगुणा, तेउलेस्साओ वेमाणिय देवीओ संखेज्जगुणाओ, ते रलेस्सा भवणवासी देवा असं. खेज्जगुणा, तेउलेस्साओ भवणवासिणी देवीओ संखेज्जगुणाओ, काउ. लेस्सा भवणवासी असंखेज्जगुणा, नीललेस्सा विसेसाहिया, कण्हलेस्सा विसेसाहिया, काउलेस्लाओ भवणवासिणीभो संखेज्जगुणाओ, नीललेस्साओ विसेसाहियाओ कण्हलेस्साओ विसेसाहियाओ, तेउलेस्सा वाणमंतरा संखेजगुणा, ते उलेस्साओ वाणमंतरीओ संखेजगुणाओ, काउ. लेस्सा वाणमंतरा असंखेजगुणा, नीललेस्सा विसेसाहिया, कण्हलेस्सा विसेसाहिया, काउलेस्साओ वाणमंतराओ संखेजगुणाओ, नीललेस्साओ विसेसाहियाओ, कण्हलेस्साओ विसेसाहियाओ, तेउलेस्सा जोइसिया संखेजगुणा, तेउलेस्ताओ जोइसिणीओ संखेजगुणाओ॥सू० ११॥
छाया-एवं मनुष्याणामपि अल्पबहुत्वानि भणितव्यानि, नवरं पश्चिममल्पबहुत्वं नास्ति, एतेषां खलु भदन्त ! देवानां कृष्णलेश्यानां यावत् शुक्ललेश्यानाश्च कतरे कतरेभ्योऽल्पा
सलेश्थ मनुष्यादि की वक्तव्यता शब्दार्थ-(एवं मणुस्साण वि) इसी प्रकार मनुष्यों का भी (अप्पाबहुगा भाणियव्वा) अल्पबहुत्व कहना चाहिए (नवरं) विशेष (पच्छिमगं अप्पाबहुगं
સંલેશ્ય મનુષ્યાદિની વક્તવ્યતા Avt-(एवं मणुस्साण वि) मे४ मारे मनुष्यानु' ५५ (अप्पा बहूगा भाणियव्या)
श्री. प्रशानसूत्र:४