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________________ १२२ प्रज्ञापनासूत्रे अवत्तव्वए य १७ णो अचरमाइं य अवत्तरव्वयाइं य१८ सिय चरमे य अचरमे य अवत्तव्वए य १९ सिय चरमे य अचरमे य अवत्तव्वयाई य २० सिय चरमे य अचरमाइं य अवत्तव्वए य २१ णो चरिमे य अचरमाइ य अवत्तव्वयाइं य २२ सिय चरमाइं य अचरमे य अवत्तव्वए य २३ सिय चरमाइं य अचरमे य अवत्तव्वयाइं य २४ सिय चरमाइं य अचरमाइं य अवत्तव्वए य २५ सिय चरमाइं य अचरमाइं य अवत्तव्वयाइं य २६ । अट्टपएसिए णं भंते ! खंधे पुच्छा, गोयमा ! अट्ठपएसिए खंधे सिय चरमे १ नो अचरमे २ सिय अवत्तव्वए ३ नो चरमाइं ४ नो अचरमाइं ५ नो अवत्तव्वयाइं ६ सिय चरिमे य अचरिमे य ७ सिय चरिमे य अचरिमाइं य ८ सिय चरिमाइं य अचरिमे य ९ सिय चरमाइं च अचरमाइं च १० सिय चरमे य अवत्तव्वए य ११ सिय चरमे य अवत्तव्वयाइं य १२ सिय चरमाइं च अवत्तव्वए य १३ सिय चरमाइं य अवत्तव्वयाइं य १४ णो अचरिमे य अवत्तव्वए य १५ णो अचरिमे य अवत्तव्वयाइं य १६ णो अचरिमाइं य अवत्तव्वए य १७ णो अचरिमाइं य अवत्तव्वयाइं य १८ सिय चरिमे य अचरिमे य अवत्तव्वए य १९ सिय चरिमे य अचरिमे य अवत्तव्वयाई य २० सिय चरिमे य अचरिमाइं य अवत्तव्वए य २१ सिय चरिमे य अचरिमाइं य अवत्तव्वयाइं य २२ सिय चरिमाइं य अचरिमे य अवत्तव्वए य २३ सिय चरिमाइं च अचरिमे य अवत्तव्वयाइं य २४ सिय चरिमाइं य अचरिमाइं य अवत्तव्वए य २५ सिय चरिमाइं य अचरिमाइं य अवत्तव्व याइं य २६, संखेजपएसिए असंखेजपएसिए अणंतपएसिए खंधे जहेव अट्रपएसिए तहेव पत्तेयं भाणियव्वं ! परमाणुम्मि य तइओ पढमो तइओ य होंति दुपएसे ! पढमो तइओ नवमो एकारसमो य तिपएसे ॥ १॥ पढमो तइओ नवमो दसमो एकारसो य बारसमो। भंगा चउ. प्पएसिए तेवीसइमो य बोद्धव्वो ॥ २॥ पढमो तइओ सत्तम नवम श्री प्रशान। सूत्र : 3
SR No.006348
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 03 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1977
Total Pages955
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_pragyapana
File Size62 MB
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