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प्रमेयबोधिनी टीका पद १० सू० ४ परमाण्वादि चरमाचरमनिरूपणम्
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क्तव्यश्च १३ उताहो चरमाणि च उवक्तव्यानि च १४ द्वितीया चतुर्भङ्गी उताहो अचरमश्च अवक्तव्यश्व १५ उताहो अचरमश्च अवक्तव्यानि च १६ उताहो अचरमाणि च अवक्तव्यश्च १७ उताहो अचरमाणि च अवक्तव्यानि च १८ तृतीया चतुर्भङ्गी उताहो चरमश्च अचरमश्च अवक्तव्यश्च १९ उताहो चरमश्च अचरमश्च अवक्तव्यानि च २० उताहो चरमश्च अचरमाणि च अवक्तव्यश्च २१ उताहो चरमश्च अचरमाणि च अवक्तव्यानि च २२ उताहो चरमाणि च अच
चरिमेय अवतव्वयाइं च) अथवा चरम और बहुत अवक्तव्यरूप है ? (उदाहु चरमाई च अवतव्वए य) अथवा बहुत चरमरूप और अवक्तव्य है ? (उदाहु चरमाई च अवक्तव्वयाई च) अथवा बहुत चरम और वहुत अवक्तव्यरूप है ? ( बीया चउमंगी) यह दूसरी चौभंगी ।
(उदाहु अचरिमेय अवतव्वए य) अथवा अचरम और अवक्तव्य है ? (उदाहु अचर मे य अवन्त्तव्बयाई च) अथवा अचरम और बहुत अवक्तव्यरूप है ? (उदाहु अचरिमाई च अवक्तव्वए य) अथवा बहुत अचरम और अवक्तव्य है ? (उदाहु चरमाइं च अवत्तन्वयाई च) अथवा बहुत चरम और बहुत अवक्तव्य रूप है ? (तइया चभंगी) यह तीसरी चौभंगी हुई ।
(उदाहु चरमेय अचरमेय अवत्तव्वए य) अथवा चरम, अचरम और अवक्तव्य है (उदाहु चरमे य अचरमे य अवत्तव्वयाई च) अथवा चरम, अचरम और बहुत अवक्तव्यरूप है ( उदाहु चरमे च अचरमाई व अवत्तव्वए य) अथवा चरम, बहुत अचरम और अवक्तव्य है ? ( उदाहु चरमे य अचरमाई च अवक्तव्वयाइ' च) अथवा चरम, बहुत अचरम और बहुत अवक्तव्यरूप है ?
अवत्तव्वयाई च) अथवा शरभ भने धणा अवस्तव्य ३५ छे ? (उदाहु चरमाई च अवतव्व य) अथवा घणा यरभ भने भवस्तव्य छे ? ( उदाहु चरमाई च अवत्तव्वयाइं च ) अथवा धा यरभ ने धणा भवतव्य ३५ छे ? ( बीया चउमंगी) मा जील यो लगी थध (उदाहु अचरिमेय अवत्तव्वए य) अथवा मथरभ भने अवक्तव्य छे ? ( उदाहु अचरमे य अवत्तत्रयाई च) अथवा अथरम अने घया अवस्तव्य ३५ छे ? ( उदाहु अघरिमाई च अवत्तञ्च य) अथवा घणा अयरम अने अवस्तव्य छे ? ( उदाहु चरमाई च अवत्तव्वयाई च) अथवा धा यरभ ने धणा भवस्तव्य ३५ छे ? (तइया चउमंगी) मा त्रीभु यो मंगी थ
( उदाहु चरमेय अचर में य अवत्तव्वए य) अथवा शरभ छे (उदाहु चरमे य अचरमे य अवत्तव्वएयाई च) अथवा यरभ, उतव्य ३५ छे (उदाहु चरमे च अचरमाई च अवत्तव्वए य) अथवा नेवस्तव्य छे ? ( उदाहु चरमे च अचरमाई च अवत्तव्वए य) अथवा यरभ, धा अयरभ अने अवक्तव्य छे ? ( उदाहु चरमाई च अचरमे च अवत्तव्वयाई च) अथवा ध
प्र० १५
अथरम अने अवस्तव्य
अयरभ भने धा भवशरभ, घडी अयरभ
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૩