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प्रमेयबोधिनी टीका पद ४ सू.०९ वैमानिकदेवानां स्थितिनिरूपणम् ५१९ पल्योपमानि अन्तर्मुहूर्तोनानि, ईशाने कल्पे अपरिग्रहिक देवीनां पृच्छा, गौतम ! जधन्येन सातिरेकं पल्योपमम्, उत्कृष्टेन पञ्चपश्चाशत् पल्योपमानि, अपर्याप्तकानां पृच्छा, गौतम ! जघन्येनापि उत्कृष्टेनापि अन्तर्मुहूर्तम्, पर्याप्तिकानां पृच्छा, गौतम ! जघन्येन सातिरेकं पल्योपमम् अन्तर्मुहूर्तानम्, उत्कृष्टेन पञ्चपश्चाशत् पल्योपमानि अन्तर्मुहत्तौनानि, सनत्कुमारे कल्पे देवानां पृच्छा, गौतम ! की स्थिति कितनी ? (गोयमा ! जहण्णेणं साइरेगं पलिओवमं अंतो. मुहत्तूण) हे गौतम ! जघन्य सातिरेक पल्योपम में अन्तर्मुहर्त कम (उकोसेणं नवपलिओवमाइं अंतोमुहुत्तूणाई) उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त कम नौ पल्योपम (ईसाणे कप्पे अपरिग्गहियाणं देवीणं पुच्छा ?) ईशान कल्प में अपरिगृहीता देवियों की कितनी स्थिति ? (गोयमा ! जहण्णेणं साइरेगं पलिओवमं, उक्कोसेणं पणपन्नाई पलिओवमाई) हे गौतम! जघन्य सातिरेक एक पल्योपम की, उत्कृष्ट पचपन पल्योपम की (अपज्जत्तयाणं पुच्छा ?) अपर्याप्त देवियों की स्थिति कितनी ? (गोयमा ! जहण्णेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्त) हे गौतम ! जघन्य भी और उत्कृष्ट भी अन्तर्मुहूर्त की (पज्जत्तियाणं पुच्छा ?) पर्याप्तक देवियों की स्थिति कितनी ? (गोयमा ! जहण्णेणं साइरेगं पलि
ओयमं अंतोमुहुत्तूणं, उक्कोसेणं पणपन्नं पलिओक्माई अंतोमुहुत्तूणाई) हे गौतम ! जघन्य अन्तर्मुहर्त कम सातिरेक पल्योपम की, उत्कृष्ट अन्तर्मुहर्त कम पचपन पल्योपम की। __ (सणकुमारे कप्पे देवाणं पुच्छा ?) सनत्कुमार कल्प में देवों की
सी ? (गोयमा जहण्णेणं साइरेगं पलिओवमं अंतोमुत्तणं, उक्कोसेणं नव पलिओवमाई अंतोमुहुत्तणाई) 3 गौतम ! धन्यमन्तभुत छ। साति२४ पक्ष्योपभनी, ઉત્કૃષ્ટ અન્તમુહૂર્ત ઓછા નવ પલ્યોપમની. __ (ईसाणे कप्पे अपरिग्गहियाणं देवीणं पुच्छा) शन८५मा २५५रिही हेवियोनी स्थिति दी छ ? (गोयमा ! जहण्णेणं साइरेग पलिओवमं उक्कोसेणं पणपन्नाइं पलिओवमाई) गौतम ! ४धन्यथी साति२४ मे पक्ष्योपभनी सन यापन पक्ष्यापभनी. (अपज्जत्तियाणं पुच्छा) अपर्यातवियानी स्थिति सी ? (गोयमा ! जहण्णेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहत्तं) 3 गौतम ! धन्यथी मने अष्टथी ५४ मतभुत नी (पज्जत्तियाणं पुच्छा) पर्याप्त वियोनी स्थिति की ? (गोयमा ! जहण्णेणं साइरेग पलिओवमं अंतोमुहुत्तणं, उकोसेणं पणपण्णं पलिओबमाइं) गौतम ! धन्यथी मतभुतभ साति२४ પલ્યોપમની ઉત્કૃષ્ટ અને અંતમુહૂર્ત એાછા પંચાવન પલ્યોપમની.
(सर्णकुमारे कप्पे देवाणं पुच्छा ?) सनभार ४८५i हेवोनी स्थिति
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૨