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प्रज्ञापनासूत्रे एणं सव्यस्थोवा वणस्सइकाइया उड्डलोयतिरियलोए, अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोक्के असंखेनगुणा, उड्डलोए असंखेज्जगुणा, अहोलोए विसेसाहिया, खेताणुवाएणं सवत्थोवा चणस्सइकाइया अपज्जत्तया उड्डलोयत्तिरियलोए, अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया, तिरियलोए असंखेज्जगुणा, तेलोक्के असंखेज्जगुणा, उड्डलोए असंखेज्ज. गुणा, अहोलोए विसेसाहिया, खेत्ताणुवाएणं सवत्थोवा वपास्सइकाइया पजत्तया उड्डलोयतिरियलोए, अहोलोयतिरियलोए विलेप्साहिया, तिरियलोए असंखेज्जगुणा,, तेलोक्के असंखजगुणा, अहोलोए,विसेसाहिया ॥सू०३५॥
छाया-क्षेत्रानुपातेन सर्वस्तोकाः पृथिवीकायिकाः अर्श्वलोकतिर्यग्लोके, अधोलोकतिर्यग्लोके विशेषाधिकाः, तिर्यग्लोके असंख्येयगुणाः, त्रैलोक्ये असंख्येयगुणाः, ऊर्वलोके असंख्येयगुणाः, अधोलोके विशेषाधिकाः, क्षेत्रानुपातेन
__ पृधियीकायिक आदि का अल्पबहुत्व शब्दार्थ-(खित्ताणुवाएणं) क्षेत्र के अनुसार (सव्वत्थोया पुढविकाइया उडलोयतिरियलोए) सब से कम पृथ्वीकायिक ऊर्ध्वलोकतिर्य ग्लोक में हैं (अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया) अधोलोक तिर्यग्लोक में विशेषाधिक हैं (तिरियलोए असंखेज्जगुणा) तिर्यग्लोक में असंख्यातगुणा हैं (तेलोक्के असंखेज्जगुणा) त्रैलोक्य में असंख्यातगुणा हैं (उडलोए असंखेज्जगुणा) ऊर्ध्वलोक में असंख्यातगुणा हैं (अहोलोए विसेसाहिया) अधोलोक में विशेषाधिक हैं ।
પૃથ્વીકાયિક વિગેરેનું અપ બહુત हाथ-(खेत्ताणुवाएण) क्षेत्र अनुसार (सव्वत्थोवा पुढविकाइया उड्ढलोय तिरियलोए) सौथी मेछ। पी4s 64°ax-
तिभा छे. (अहोलोय तिरियलोए विसेसाहिया) अधोसो -
तिमाम विशेषाधि छ, (तिरियलोए असंखेज्जगुणा) तियसोभा मसण्यात गए। छे, (तेलोक्के असंखेज्जगुणा) सोश्यमा मसभ्यात ॥ छ (उड्ढलोए असखेज्जगुणा) मा मस भ्यात ॥ . (अहोलोए विसेसाहिया) Aधामा विशेषाधि छे.
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૨