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प्रमेयबोधिनी टीका पद ३ सू.९ सूक्ष्मबादरपृथिवीकायिकाद्यल्पबहुत्वम् १७५ चा, तुल्या वा, विशेषाधिका वा ? गौतम ! सर्वस्तोकाः बादर वनस्पतिकायिकाः, पर्याप्तकाः, बादर वनस्पतिकायिकाः अपर्याप्तकाः असंख्येयगुणाः, सूक्ष्म वनस्पतिकायिकाः अपर्याप्तकाः असंख्येयगुणाः, सूक्ष्म वनस्पतिकायिकाः पर्याप्तकाः संख्येयगुणाः, एतेषां खलु भदन्त ! सूक्ष्मनिगोदानां बादरनिगोदानाञ्च पर्यातापर्याप्तकानां कतरे कतरेभ्योऽल्पा वा, बहुका वा, तुल्या वा, विशेषाधिका वा?
(एएसि णं भंते !) हे भगवन् ! इन (सुहुम वणस्सइकाइयाणं बायर वणस्सइकाइयाण य) सूक्ष्म वनस्पतिकायिकों और वनस्पतिकायिकों के (पज्जत्तापज्जत्ताणं) पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में (कयरे कयरेहिंतो) कौन किससे (अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया या ?) अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं ? (गोयमा !) हे गौतम ! (सव्वत्थोवा बायर वणस्सइकाइया पज्जत्तया) सब से कम बादर वनस्पतिकाय के पर्याप्तक हैं (बायर वणस्सइकाइया अपज्जत्तया असंखेज्जगुणा) बादर वनस्पतिकायिक अपर्याप्त असंख्यातगुणा हैं (सुहुम चणस्सइकाइया अपज्जत्तया असंखेज्जगुणा) सूक्ष्म वनस्पति कायिक अपर्याप्त असंख्यातगुणा हैं (सुहुम वणस्सइकाइया पज्जत्तया संखेज्जगुणा) सूक्ष्म वनस्पतिकायिक पर्याप्त संख्यातगुणा हैं । ___(एएसि णं भंते !) हे भगवन् ! इन (सुहुम निगोयाणं बायर निगोयाण य) सूक्ष्म निगोदों और बादर निगोदों के (पज्जत्तापज्जत्ताणं) पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में (कयरे कयरेहितो) कौन किस
(एएसिणं भंते !) भवन् ! 21 (सहुमवणस्सइकाइयाणं बायरवणस्सइकाइयाण य) सूक्ष्म वनस्पतिथि। मने ६२ वनस्पतियिोना (पज्जत्तापज्जताणं) पर्याप्ती भने अर्यातमा (कयरे कयरे हितो) आyीनाथी (अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा बिसेसाहिया ?) २८५, पण, तुल्य २५॥२ विशेषाधि४ छ ?
(गोयमा !) गौतम ! (सव्वत्योवा बोयरवणरसइकाइया पज्जत्तया) अपाथी माछा पाइ२ वनस्पतिय पर्यात छ (बायरवणरसइकाइया अपज्जत्तया असंखेज्जगुणा) मा६२ वनस्पतिय४ २५५र्यात २१सयातमा छ (सहमवणस्सइ. काइया अपज्जत्तया असंखेज्जगुणा) सूक्ष्म वनस्पतिय४ २५पर्यात २५सया
19 छ (सुहुमवणस्सइकाइया पज्जत्तया संखेज्जगुणा) सूक्ष्भवन३५तिथि: पर्याप्त સંખ્યાતગણું છે.
(एएसिणं भंते !) भगवन् ! २॥ (सुहुमनिगोयाणं बायरनिगोयाणय) सूक्ष्म ना भने मा४२ निगोहना (पज्जत्तापज्जत्ताण) पर्याभो भने ५ftwi (कयरे कयरेहितो) by नाथी (अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ?)
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૨