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२०२२
प्रज्ञापनासूत्रे उपपद्यन्ते, ? अपर्याप्तकेभ्यः उपपद्यन्ते ? गौतम ! पर्याप्तकगर्भव्युत्क्रान्तिकेभ्य उपपद्यन्ते, नो अपर्याप्तकगर्भव्युत्क्रान्तिकोर परिसर्पस्थलचरपञ्चेन्द्रियतिर्यग्योनिकेभ्यः उपपद्यन्ते ? यदि भुजपरिसर्पस्थलचरपञ्चन्द्रियतिर्यग्योनिकेभ्य उपपद्यन्ते ? किं संमूच्छिमभुजपरिसर्पस्थलचरपञ्चेन्द्रियतिर्यग्योनिकेभ्य उपपद्यन्ते ? गर्भव्युस्क्रान्तिकभुजपरिसर्पस्थलचरपश्चन्द्रियतिर्यग्योनिकेभ्य उपपद्यन्ते, गौतम ! द्वाभ्या___ (जइ) यदि (गम्भवक्कंतिय उरपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति) यदि गर्भज उरपरिसर्पस्थलचरपंचेन्द्रिय तियंचों से उत्पन्न होते हैं ? (किं पज्जत्तगेहितो उववति, अपजत्तगेहितो उववज्जति ?) क्या पर्याप्तकों से उत्पन्न होते हैं ? अथवा अपर्याप्तकों से उत्पन्न होते हैं ? (गोयमा) हे गौतम ! (पज्जत्तगगब्भवक्कंतिएहिंतो उववज्जति) पर्याप्तक गर्भजों से उत्पन्न होते हैं ? (नो अपज्जत्तगगन्भवतियउरपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जति ?) अपर्याप्त गर्भज उरपरिसर्पस्थलचरपंचेन्द्रियतियंचों से नहीं उत्पन्न होते हैं। ___ (जइ) यदि (भुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजंति) भुजपरिसर्प स्थलचर पंचेन्द्रिय तियेंचों से उत्पन्न होते हैं (किं संमुच्छिम भुजपरिसप्पथलयरपंचेंन्द्रियतिरिक्खजोणिएहिंतो उववजलि ) क्या संमूर्छिम भुजपरिसर्प स्थलचर पंचेन्द्रिय तिर्यचों से उत्पन्न होते हैं (गम्भवक्कंतिय भुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्ख
(जइ) यहि (गम्भवक्क तिय उरपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहितो उववज्जति) यहि Hr S२परिस५ स्थस-५२ पयन्द्रिय तिय याथी पन्न थाय छ (कि पज्जत्तरोहितो उववज्जति, अपज्जत्तगे हितो उववज्जति ?) शु. पर्याथी पन्न, थाय छे अथवा अपर्यायी उत्पन्न थाय छे ? (गोयमा !) उ गौतम! (पज्जत्तगगब्भवक्कतिएहितो उववज्जति) पर्यायी उत्पन्न
थाय छ (नी अपज्जत्तगगब्भवक्क तियउरपरिसप्पथलयरपंचिं दियतिरिक्खजणिएहितो उववज्जति) २५पर्यास Me S२५रिस स्थाय२ पयन्द्रिय तिय"ચેથી ઉત્પન્ન થતા નથી.
(जइ) 48 (भुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहिं तो उवववति) भुपरिसप २५८२२ ५येन्द्रिय तिय याथी उत्पन्न थाय छ (कि समुच्छिमभुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहि तो उववज्जति) शु सभूछि सु४परिस५ स्थाय२ ५यन्द्रिय तिय याथी उत्पन्न थाय छे (गब्भवक्कं तियभुयपरिसप्पथलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिएहि तो उक्वज्जति) Mar सुपरिस५ सयर
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૨