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________________ प्रमेयबोधिनी टीका प्र.१ सू.६ जीवादीनां वर्णादिना परस्परसंवेघनिरूपणम् ५७ १, दुरभि गन्धपरिणता अपि २ । रसतः तिक्तरसपरिणता अपि १, कटुकरसपरिणता अपि२, कषायरसपरिणता अपि ३, अम्लरसपरिणता अपि ४, मधुररस परिणता अपि५। स्पर्शतः कर्कशस्पर्शपरिणता अपि१, मृदुकस्पर्शपरिणता अपि२, गुरुकस्पर्शपरिणता अपि३, लघुक स्पर्शपरिणता अपि४, शीतस्पर्शपरिणता अपि णमन वाले हैं (ते) वे (गंधओ) गंध से (सुन्मिगंधपरिणया वि) सुगंध परिणाम वाले हैं (दुन्भिगंधपरिणया वि) दुर्गन्ध परिणाम वाले भी हैं (रसओ) रस से (तित्तरसपरिणया वि) तिक्तरस परिणमन वाले भी हैं (कडुयरसपरिणया वि) कटुक रस परिणमन वाले भी हैं (कसाय. रसपरिणया वि) कषाय रस परिणमन वाले भी हैं (अंबिलरस परिणया वि) खट्टे रस परिणामन वाले भी हैं (महुररस परिणया वि) मधुर रस परिणमन वाले भी हैं __(फासओ) स्पर्श से (कक्खडफासपरिणया वि) कर्कश स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (मउयफासपरिणया वि) मृदु स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (गरुयफास परिणया वि) गुरु स्पर्श परिणमन वाले भी हैं (लहुयफासपरिणया वि) लघु स्पर्श परिणाम वाले भी हैं (सीयफासपरिणया) शीत स्पर्श परिणाम वाले भी हैं (उसिणफासपरिणया वि) उष्ण स्पर्श परिणाम वाले भी हैं (णिद्धफासपरिणया वि) स्निग्ध अर्थात् चिकने परिणाम वाले भी हैं (लुक्खफास' परिणया वि) रूक्ष स्पर्श परिणाम वाले भी हैं। (ते) तेया (गंधओ) 4थी (सुब्भिगंधपरिणया वि) सुध परिमन छ (दुब्भिगंधपरिणया वि) दुर्गन्ध परिणभनvi छे (रसओ) २सथी (तित्तरसपरिणया वि) तित २४ परिमनपाणां ५ छ (कडुयरसपरिणया वि) ४४४ २स परिशुभनाi ५ छ (कसाय रसपरिणया वि) ४ाय २१ ५.२ मन mi ५४ छ (अबिलरसपरिणया वि) पाटा २स परिमन प ५ (महुररसपरिणया वि) भी१२स પરિણામી પણ છે. ___(फासओ) २५शथी (कक्खडफासपरिणया वि) ४४२२५ परिणाम ५] (मउयफासपरिणया वि) भृढ २५० परिणत ५ (गरुयफासपरिणया वि) शु३ २५श परिणाम पाणi ५४ (लहुयफासपरिणया वि) सधु २५ परिणाम qvi पY (सीयफासपग्णिया वि) शीत २५ परिणाम mi ५५] (उसिणफासपरिणया वि) ] २५ परिणाम जi ५ छ. (णिद्धफासपरिणया वि) सिन मर्थात् यी४९॥ २५॥ ५२म Mi पाय छे (लुक्खफासपरिणया वि) રૂક્ષ સ્પર્શ પરિણામ વાળાં પણ છે प्र०८ શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૧
SR No.006346
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1974
Total Pages1029
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_pragyapana
File Size59 MB
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