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प्रमेयबोधिनी टीका प्र. पद १ सू. ३९ समेदचारित्रार्यनिरूपणम्
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मूलम् - से किं तं चरितारिया ? चरितारिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा - सराग चरितारिया य वीयरागचरितारिया य । से किं तं सरागचरितारिया ? सरागचरितारिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा - सुहुम संपराय सरागचरितारिया य, बायरसंपरायसरागचरितारिया य । से किं तं सुहुमसंपराय सरागचरितारिया ? सुहुमसंपराय सरागचरितारिया दुबिहा पण्णत्ता, तं जहा- पढम समय सुहुमसंपराय सरागचरित्तारिया य, अपढमसमय सुहुमसंपराय सरागचरितारिया य । अहवा चरिमसमय सुहुमसंपरायसरागचरितारिया य, अचरिमसमय सुहुमसंपरायसरागच रित्तारिया य | अहवा सुहुमसंपरायसरागचरित्तारिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा - संकिलिस्तमाणा य, विसुज्झमाणा य । से तं सुहुमसंपराय सराग चरितारिया । से किं तं वायरसंपरायसरागचरितारिया ? बायरसंपरायसरागचरितारिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा- पढमसमय वायर संपरायसरागचरितारिया य. अपढमसमय बायरसंपरायसरागचरितारिया य । अहवा चरिमसमय बायरसं परायसरागचरितारिया य, अचरिमसमयबायरसंपरायसरागचरितारिया य । अहवा बायर संपरायसरागचरितारिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा - पडिवाई य, अपडिवाई य। से तं बायर संपरायसरागचरितारिया । से त्तं सरागचरितारिया । से किं तं वीयरागचरित्तारिया ? वीयरागचरितारिया दुबिहा पण्णत्ता, तं जहा - उवसंत कसायवीयरायचरितारिया य खीणकसाय वीयरायचरितारिया य । से किं तं उवसंत कसायवीयरायचरितारिया ? उवसंत कसायवीयराय चरित्तारिया दुविहा पण्णत्ता तं जहा - पढमसमय उवसंत कसायवीयरायचरितारिया य, अ
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૧