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प्रज्ञापनासूत्रे
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संसार समापन्नजीवप्रज्ञापना अनेकविधा प्रज्ञप्ता, तद्यथा - औपयिकाः, रोहि णिकाः, कुन्थवः, पिपीलिकाः, उद्देशकाः, उद्देहिकाः, उत्कलिकाः, उत्पादाः, उत्पटाः, तृणाहाराः, काष्ठाहाराः, मालुकाः, पत्रद्वाराः, तृणवृन्तिकाः, पत्रवृन्तिकाः, पुष्पवृन्तिकाः, फलवृन्तिकाः, बीजवृन्तिकाः, तेचुरणमिञ्जिकाः, कार्पासास्थिमिञ्जिकाः. हिल्लिकाः, झिल्लिकाः, झिंगिराः, किंगिरिटाः, बाहुकाः, लघुकाः, सुभगाः, सौवस्तिकाः, शुक्रवृन्ता:, इन्द्रकायिकाः, इन्द्रगोपकाः, तुरुतुम्बका:, कुस्थलवाहकाः, यूकाः, हालाहलाः, पिशुकाः, शतपादिकाः, गोम्मयः, श्रीन्द्रिय संसारी जीवों की प्रज्ञापना क्या है ? (अणेगविहा पण्णत्ता) अनेक प्रकार की कही गई है (तं जहा) वह इस प्रकार है (ओवइया) औपयिक (रोहिणिया) रोहिणिक (कुंथू) कुंथुक (पिवीलिका) पिपीलिका
चीटीं (उसगा) उद्देशक (उद्देहिया) उदेही (उक्कलिया) उत्कलिका (उपया) उत्पाद ( उपडा) उत्पट (तणहरा) तृणाहार (कट्ठहारा) काष्ठाहार (मालया) मालुका (पत्ताहारा ) पत्राहार (तणबेटिया) तृणवृन्तिक (पत्तवेंटिया) पत्रवृन्तिक (पुष्कवेंटिया) पुष्पवृन्तिक ( फलवेंटिया) फलवृन्तिक (बीयटिका) बीजवृत्तिक (तेबुरणभिंजिया) तेबुरणमिञ्जिक (ओसिमिर्जिया) पुषीमिंजिक (कप्पासहि मिंजिया) कार्पासास्थिमिजिक (हिल्लिया) हिल्लिक (झिल्लिया) झिल्लिक (झिंगिरा ) झींगुर (किंगिरिडा) किंगिरिट (बाहुया) बाहुक (लहुया ) लघुक (सुभगा ) सुभग (सोवत्थिया) सौवस्तिक (सुयषेंटा) शुक्रवृन्त (इंदकाइया) इन्द्रकायिक (इंदगोवा) इन्द्रगोप (तुरुतुंगा) तुरुतुम्बक (कुच्छलवाहगा) संसारी भवानी प्रज्ञापना शुं छे ? (तेइंदिय संसारसमावण्णजीवपण्णवणा) શ્રીન્દ્રિય સ ́સાર સમાપન્ન વ प्रज्ञापना ( अणेगविहा पन्नत्ता ) अने अारनी उडेसी छे (तं जहा) तेथे मा प्रहारे छे (ओवइया) भौपयि४ (रोहिform) alleys (Fq) &'gal (fudifsar) (uulalsı-slsl (3) ** २४ (उद्देहिया) उढेडु (उक्कलिया) उत्पति (उप्पाया ) उत्पाद (उप्पडा) उत्पट (तणाहारा ) तृशाडार (कट्टाहारा) उष्टाहार (मालुया) भासुं। (पत्ताहारा ) पत्राडार ( तणवेंटिया) तृणुवृन्ति (पत्तवेंटिया) पत्रवृत्ति (पुप्फबेटिया) पुष्पवृत्ति (फलबेटिया) इसवृति ( बीयबें टिया) श्रीवृत्तिः (ते बुरगमिंजिया) तेरशुभिः७४ (तओ सिमिंजिया) त्रयुषीभिनिङ (कप्पासट्टिमि जिया) अर्पासास्थिमि (fecter) (scals (fafe) Glees (fr) G'ye (fa'fare) (koll रीट ( बाहुया) बाडुङ ( लहुया ) लघु (सुभगा ) सुभग (सोवत्थिया) सौवस्ति (सुयवेंटा) शुभमवृत्ति (इंदकाइया) न्द्रमाथि (इंदगोवया) न्द्रगोप (तुरुतु बगा)
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૧