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________________ प्रमेयद्योतिका टीका प्र.३ उ.३ सू.९७ पुष्करद्वीपनिरूपणम् विक्खंभेणं एगा जोयणकोडी बाणउई खल्लु भवे सयसहस्सा। अउणाणउइं अटुसया चउणउया य [परिरयो] पुक्खरवरस्स। से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेण संपरिक्खित्ते दोण्ह वि वण्णओ। पुक्खरवरस्स णं भंते ! दीवस्स कइ दारा पन्नत्ता ? गोयमा ! चत्तारि दारा पन्नत्ता तं जहा-विजए वेजयंते जयंते अपराजिए । कहि णं भंते ! पुक्खरवरस्स दीवस्स विजए णामं दारे पन्नत्ते गोयमा ! पुक्खरवरदीवपुरच्छिम. परंते पुक्खरोदसमुद्दपुरस्थिमद्धस्स पचत्थिमेणं-एत्थ णं पुक्खरवरदीवस्स विजए णामं दारे पन्नत्ते तं चेव सव्वं एवं चत्तारि वि दारा, सीया सीओदा णत्थि भाणियव्वाओ। पुक्खरवरस्स णं भंते ! दीवस्स दारस्स य दारस्स एस णं केवइयं अबाहाए अंतरे पन्नत्ते ? गोयमा! अडयाल सय सहस्सा बावीसं खलु भवे सहस्साइं। अगुणुत्तरा य चउरो दारंतर पुक्खरवरस्स । पएसा दीह वि पुट्टा जीवा दोसु भाणियन्वा । से केणट्रेणं भंते ! एवं वुच्चइ पुक्खरवर दीवे २? गोयमा ! पुक्खरखरेणं दोवे तत्थ तत्थ देसे तहिं तहिं बहवे पउमरुक्ख-पउमवणसंडा णिच्चं कुसुमिया जाव चिटुंति । पउम महापउमरुक्खे एत्थ णं पउम पुंडरिया णामं दुवे देवा महड्डिया जाव पलिओवमट्टिईया परिवसंति । से तेणट्रेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ पुक्खरदीवे २ जाव णिच्चे। पुक्खरवरेणं भंते ! दीवे केवइया चंदा पभासिंसु वा ३ एवं पुच्छा चोयालं चंदसयं चउयालं चेव सूरियाणसयं । पुक्खरवरदीवम्मि चरंति एए पभासेंता ॥१॥ चत्तारि सहस्साई बत्तीसं चेव होंति णक्खत्ता । छच्चसया बावत्तर महग्गहा बारह सहस्सा ॥२॥ छण्णउइ सयसहस्सा चत्तालीसं भवे सहस्साइं। चत्तारि सया पुक्खरवर तारागण कोडिजी० ९० જીવાભિગમસૂત્ર
SR No.006345
Book TitleAgam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 03 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1974
Total Pages1580
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_jivajivabhigam
File Size84 MB
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