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प्रमेयद्योतिका टीका प्र.५ सू.१३१ सूक्ष्मपृथ्वीकायादीनामल्पबहुत्वम् १२०५ यिकाः पर्याप्तकाः संख्येयगुणाधिकाः 'मुहुम पुढवी आउ वाउ पज्जत्तगा विसेसाहिया' पूर्वापेक्षया पर्याप्त सूक्ष्मपृथिव्यब्वायुकायिकाः क्रमशः परेपरे विशेषाधिकाः, 'मुहुमणिोया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा' पर्याप्तकवायुकायेभ्योऽपर्याप्तकनिगोदा असंख्येयगुणाः 'मूहुमणिगोया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा, पर्याप्तक सूक्ष्मनिगोदास्तु-संख्येयगुणाऽधिकाः 'सुहुमवणस्सइकाइया अपज्जत्तगा अणंतगुणा' अपर्याप्तकसूक्ष्मवनस्पतिकाया अनन्तगुणाः निगोद पर्याप्तकसूक्ष्मेभ्यः प्रतिनिगोदं तेषामनन्तानां सद्भावात् । 'सुहुम अपज्जत्तगा विसेसाहिया' एभ्यः सामान्यतोऽपर्याप्तसूक्ष्मा:-विशेषाधिकाः सूक्ष्मपृथिवीकायिकायिक संख्यातगुणें अधिक है । 'सुहुम पुढवी आउ वाउ पज्जत्तगा विसेसाहिया' सूक्ष्म पर्याप्तक तेजस्कायिकों की अपेक्षा पर्याप्तक सूक्ष्म पृथिवीकायिक पर्याप्तक सूक्ष्म अप्कायिक पर्याप्तक सूक्ष्म वायुकायिक ये आपस में विशेषाधिक है 'सुहुम णिओगा अपज्जत्तगा असंखेजगुणा' पर्याप्तक सूक्ष्म वायुकायिकों की अपेक्षा सूक्ष्म अपर्याप्तक निगोद असंख्यात गुणे अधिक हैं । 'सुहुम णिगोगा पज्जत्तगा संखेज्जगुणा' सूक्ष्म अपर्याप्तक निगोदों की अपेक्षा सूक्ष्म पर्याप्तक निगोद असंख्यातगुणं अधिक हैं 'सुहुम वणस्सइकाइया अपज्जत्तगा अणंतगुणा' सूक्ष्म पर्याप्तक निगोद की अपेक्षा सूक्ष्म अपप्तिक वनस्पतिकायिक अनन्तगुणें अधिक है । क्योंकि प्रति निगोद में इनका अनन्तरूप से सद्भाव रहता है 'सुहुम अपज्जत्तगा विसेसाहिया' सूक्ष्म अपर्याप्तक वनस्पतिकायिकों की अपेक्षा सामान्य सूक्ष्म अपर्याप्तक विशेषाधिक है। इन सामान्य सूक्ष्म अपर्याप्तकों त्तगा विसेसाहिया' सूक्ष्म पतिते४२४॥
यिन। ४२di पर्याप्त सूक्ष्म पृथ्वी. કાયિક, પર્યાપ્તક, સૂમ અકાયિક પર્યાપ્તક સૂમ વાયુકાયિક એ બધા પરસ્પર विशेषाधि छे. 'सुहमणिओगा अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा' पर्याप्त सूक्ष्म वायुयहोन। ४२ता सूक्ष्म अपर्याप्त निगोह २मस च्यात धारे छे. 'सुहमणिओया पज्जत्तगा संखेज्जगुणा' सूक्ष्म २५५र्यात निगाहोना ४२त सूक्ष्म पर्याप्त निगाह सध्यात ९ धारे छे. 'सहुम वणस्सइकाइया अपज्जत्तगा अणंतगुणा' सूक्ष्म पर्याપ્તક નિગોદેના કરતાં સૂક્ષ્મ અપર્યાપ્તક વનસ્પતિકાયિક અનંતગણું વધારે છે.
भ-प्रति निगोहमा मानत पाथी तेन समाव २३ छ. 'सुहुमअपज्जत्तगा विसेसाहिया' सूक्ष्म २५यात वनस्पतियाना ४२त सामान्य सूक्ष्म अ५ર્યાપ્તક વિશેષાધિક છે. આ સામાન્ય સૂમ અપર્યાપ્તકોને જે વિશેષાધિક
જીવાભિગમસૂત્ર