SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 12
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ९२-९३ २४ पन्द्रहवें ज्ञानद्वार का निरूपण २५ सोलहवें योगद्वार का कथन २६ सत्रहवें उपयोगद्वार का निरूपण २७ अठाहरवें आहारद्वार का निरूपण २८ उन्नीसवें उत्पातद्वार का निरूपण २९ बीसवें स्थितिद्वार का निरूपण ३० एकवीसवें समुद्धातद्वार का निरूपण ३१ बावीसवें च्यवनद्वार का निरूपण ३२ तेवीसवें गत्यागतिद्वार का निरूपण ३३ बादर पृथ्वीकाय जीवों के भेदों का निरूपण ३४ बादर पृथ्वीकायिकों के अवगाह आदि द्वारों का निरूपण ३५ अप्कादिक जीवों के शरीरादिद्वारों का निरूपण ३६ प्रत्येक वनस्पतिकाय जीवों के शरीरादिद्वारों का निरूपण ३७ साधारण वनस्पतिकाय जीवों के का निरूपण ३८ त्रसकाय आदि जीवों के शरीरादिद्वारों का निरूपण ३९ औदारिक त्रस जीवों का निरूपण ४० त्रीन्द्रिय एवं चतुरिन्द्रिय जीवों का निरूपण ४१ पञ्चेन्द्रिय जीवों का निरूपण ४२ सम्मूछिम जलचरादि तिर्यक् पञ्चेन्द्रिय जीवों का निरूपण ४३ सम्मूर्छिम स्थलचर पञ्चेन्द्रिय जीवों का निरूपण ४४ स्थलचर चतुष्पदादि पञ्चेन्द्रिय तिर्यग्योनिकों का निरूपण ४५ गर्भव्युत्क्रान्तिक पञ्चेन्द्रिय तिर्यग्योनिक जीवों का निरूपण ४६ गर्भव्युत्क्रान्तिक स्थलचर जीवों का निरूपण ४७ गर्भव्युत्क्रान्तिक खेचर जीवोंका निरूपण ४८ गर्भव्युत्क्रान्तिक मनुष्यों का निरूपण ४९ देवों का निरूपण ५० स्थावरभाव और त्रसभाव की भवस्थिति एवं कालमान का निरूपण ९४-९६ ९६-११७ ११७-१२१ १२१-१२२ १२२ १२३-१२५ १२५-१२६ १२७-१३१ १३२-१३८ १३९-१४७ १४७-१६२ १६२-१६९ १६९-१८६ १८७-१९७ १९८-२०४ २०४-२२५ २२५-२३९ २४९-२४९ २४९-२७४ २७४-२९१ २९१-३०२ ३०२-३०७ ३०७-३२२ ३२२-३४७ ३४७-३५८ જીવાભિગમસૂત્ર
SR No.006343
Book TitleAgam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1971
Total Pages656
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_jivajivabhigam
File Size37 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy