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________________ ११५ विषय २३ गौतमस्वामीका मृगापुत्रको देखना १०५-१०८ २४ मृगापुत्रके अवलोकनसे गौतम स्वामीके मनका विचार १०९-१११ २५ भगवान् के समीप गौतमस्वामी के द्वारा मृगापुत्रका वर्णन ११२-११४ २६ मृगापुत्रके विषयमें गौतमस्वामीका प्रश्न २७ शतद्वारनगर और धनपतिनृपका वर्णन ११६-११८ २८ विजयवर्द्धमान खेड का वर्णन ११९ २९ एकादि राष्ट्रकूटका वर्णन १२०-१२४ ३० एकादिराष्ट्रकूटका न्याय वर्णन १२५-१३३ ३१ एकादिराष्ट्रकूटको सोलह प्रकारके रोगोंका उत्पन्न होना और वैद्यादिको बुलानेकी आज्ञा करना १३४-१३९ ३२ वद्यादिकोने राजाके रोगका निदानकर उसका उपचार करना १४०-१४४ ३३ रोगको असाध्य मानकर वैद्यादिकोका पीछे जाना १४५ ३४ एकादिराष्ट्रकूटका मरकर नरकायुका उपभोग करके मृगादेवीका गर्भ में आना १४६-१५० ३५ गर्भ के प्रभावसे मृगादेवीका शरीरमें पीडा होना और पतिद्वारा अपमानित होने का वर्णन १५१-१५३ ३६ मृगादेवीका मानसिक विचार १५४-१५६ ३७ मृगपुत्रका वर्णन १५७-१७१ ३८ मृगाडुत्रका अनागत भवका वर्णन १७२-१८६ ३९ वाणिजग्राम नगरका वर्णन १८६-१९० ४० कामध्वजा वेश्याका वर्णन १९१-१९७ ४१ उज्झितक दारकका जन्मका वर्णन १९८-२०० ४२ भगवानको वन्दन करनेके लिये मित्र राजाका जाना २०१-२०२ ४३ मित्रराजकी समृद्धिका वर्णन २०३-२०५ ४४ गौतमस्वामीका भिक्षाचर्याके लिये जाना २०५-२०८ શ્રી વિપાક સૂત્ર
SR No.006339
Book TitleAgam 11 Ang 11 Vipak Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1959
Total Pages809
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_vipakshrut
File Size44 MB
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