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सुदर्शिनी टीका अ० १ सू० २१ मन्दबुद्धिया कान्र जोवान् घ्नन्ति ? ८३ मधुघाता: = 'मधु' ग्रहणेन तन्मक्षिका घातकाः 'पोयघाया' पोतघाता=पक्षिशिशुहिंसकाः 'एणीयारा' एणीचाराः एणीं हरिणीं चारयन्ति = पालयन्ति अन्यान् मृगान् गृहीतुं ये ते एणीचाराः, 'पएणीयारा' मैणीचाराश्च व्याधविशेषा एव । 'सरहदी हियतला गपल्लुलपरिगालणमलणसोत्तबंधणसलिलासय सोसगा ' सरोद्रह दीर्घिका तडाग पल्वल परिगालन मलन स्रोतोबन्धन सलिलाशयशोषकाः, तत्र - सरः=सामान्यजलाशयः, ह्रदः = अगाधजलाशयः, दीर्घिका = वापी, तडागः = प्रसिद्धः, पल्वलं= अल्पसरः, एतेषां परिगालनेन मत्स्यादि ग्रहणाय जलनिस्सारणेन, मलनेन मन्थनेन, स्रोतोबन्धनेन - जलप्रवाह निरोधेन च 'सलिलाशयान् जलाशयान् शोषयन्ति ये ते तथाभूताः, विसगरस्सय विषगरस्य च विषं प्रसिद्धं गरः= संयोगजनितं विषं, तयोः समाहारे तस्य 'दायगा' दायकाः जीवोपघातार्थ विष
मधु - शहद को लेने के लिये जो मधुमक्खियों का घात कर देते हैं वे, ( पोयघाया) पोतघातक-पक्षियों के बच्चों को मारने वाले, तथा (एणीयारा) जो मृगों को पकड़ने के अभिप्राय से मृगी- हरिणी को पालते हैं वे, तथा (पणीयारा ) जो प्रैणीचार - व्याधविशेष होते हैं वे, तथा(सर- दह - दीहिय-तलाग- पलल- परिगालण-मलण-सोत्तबंधण--सलिलासयसोसगा ) जो सर सामान्य जलाशय, द्रह अगाधजलाशय, दीर्घिका - वापी, तडाग, पल्वल - छोटाजलाशय, इनके जल को मत्स्यादि ग्रहण करने के अभिप्राय से जो निकाल देते हैं, तथा इनके जल का जो मन्थन - विलोडन करते हैं, अथवा इनमें जिन स्रोतों से जल आता हैं उन्हें बंद कर देते हैं, इस तरह से जो सलिलाशयों को सुखा देते हैं वे, तथा (विसगरस्स य दायगा ) विष - हलाहल जहर, गर - संयोग जनित
भधभाभीोनी हिंसा उरे छे ते, " पोयघाया " पोत घात - पक्षीमोनां मय्यांने भारनाश तथा– “ एणीयारा ” ने भृगोने पडवाने भाटे भृगी-हरिशीने पाणे छे ते बोज, तथा " पइणीयारा " ? पैलीयार-मेड अझरना व्याघ- होय छे ते, तथा (6 सर, दह, दीहिय, तलाग, पल्लल, परिगालण, मलण, सोतबंधण, सलिलासय सोसगा " ने सर - सामान्य जाशय हृद - अगाध जाशय, दीर्घिका - वाष, तलाव, पल्वल - नानुं भणाशय, वगेरेना पालीने माछयां वगेरे श्रह કરવાના હેતુથી બહાર કાઢી નાખે છે. તથા તેના જળનું તે મન્થન કરે છે. અથવા તેમાં જે સ્ત્રોતો દ્વારા પાણી આવતું હાય તે સ્રોતાને ખંધ કરી દે છે. આ રીતે જે લેાકેા જળાશયાને સૂકવી નાખે છે.તે લેાકેા તથા गिरस य दायगा " विष-हजाहज ঔर, गर-संयोग-ननित विष माहि भवाने भारी
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શ્રી પ્રશ્ન વ્યાકરણ સૂત્ર