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________________ or mr or wr ۸ مه م wr9 ॥ श्रीः ॥ ॥ अथ अन्तकृतदशाङ्गसूत्र की विषयानुक्रमणिका ॥ अनुक्रमाङ्क विषय पृष्ठसंख्या मङ्गलाचरण । १ - २ पूर्वाङ्ग के साथ इस अङ्ग के सम्बन्धका निरूपण । २ - ३ चंपानगरी का वर्णन । ४ - ८ सुधर्मास्वामी का चम्पानगरी म समवसरण । जम्बूस्वामी का प्रश्न । मुधर्मास्वामी का उत्तर । १३-१४ जम्बूस्वामी का प्रश्न । द्वारावती का वर्णन । १६-१७ रैवतक-पर्वत-आदि का और कृष्णवासुदेव का वर्णन । १८-२२ गौतम का जन्मादिसे लेकर विवाहपर्यन्तका वर्णन । २३-२४ गौतम की प्रव्रज्या। २५-२७ गौतम की सिद्धि-प्राप्ति। २८-२९ समुद्रादि-विष्णुपर्यन्त को सिद्धिगति की प्राप्ति । ३०-३२ अक्षोभादिक का वर्णन ३३--३४ अणीयससेन का वर्णन । ३५-४३ अनन्तसेनादि का और सारण का वर्णन ४४-४६ छह अनगारों का वर्णन । ४७-५८ देवकी का मानसिक विचार, और अहंद् अरिष्टनेमि के समीप गमन। ५९-६२ देवकी के संशयनिवृत्ति के लिये उनके प्रति भगवान का वचन । ६३-६७ देवकी देवी का वात्सल्य । देवकी का मानसिक संकल्प। ७१-७३ देवकी और श्रीकृष्ण का संवाद । ७४-७५ कृष्ण का हरिणैगमेषी देव की आराधना । ७६-७७ શ્રી અન્તકૃત દશાંગ સૂત્ર
SR No.006336
Book TitleAgam 08 Ang 08 Antkrut Dashang Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1958
Total Pages390
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_antkrutdasha
File Size18 MB
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