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________________ २७२ ज्ञाताधर्मकथासूत्रे मूलम्-तएणं से कलायरिए मेहंकुमारं लेहाइयाओ गणियप्पहाणाओ सउणय पज्जवसाणाओबावतरि कलाओ सुत्तओय अ. स्थओ य करणओ य सिहावति सिक्खावति सिहावेत्ता सिक्खा वेत्ताअम्मापिउणं उवणेति । तएणं मेहस्स कुमारस्स अम्मापियरो कलायरियं महुरेहिं महुरेहिं बयणेहि, विउलेणं वत्थगंधमल्लालंकारेण सकारेंति, सम्माणति, सक्कारिता सम्माणित्ता विउलं जीवियारिहं पीइदाणं दलयंति दलइत्ता पडिविसजति ॥सू०२१॥ टीका--'तएणं' इत्यादि । ततः खलु स कलाचार्यः मेघकुमारं लेखादिकाः गणितप्रधानाः शकुनरुतपर्यवसानाः शकुनरुतपर्यन्ताः द्विसप्तति कलाः सूत्रतश्चार्थतश्च करणतश्च 'सिहावेई' सेधयति-प्रापयति, उपदिशति. 'सिक्खावेई शिक्षयति-अभ्यासयति । 'सिहावेता' सेधयित्वा-उपदिश्य, सिक्खावेत्ताशिक्षयित्वा प्राभ्यासं कारयित्वा, लेखादिद्वासप्ततिकलानिपुणं कृत्वा, इत्यर्थः,मातापित्रोरुपनयति, श्रेणिकस्य राज्ञो धारिणी देव्याच समीपे 'तएणं से कलायरिए' इत्यादि टीकार्थ-(तएणं) इसके बाद (से कलायरिए) वे कलाचार्य (मेहंकु मारं) मेघकुमार को (लेहाइयाओ) लेख आदि (गणियप्पहाणाओ) गणित प्रधानकलाओं से लेकर (सउणरुयपज्जवसाणाओ) शकुनिरुत (पक्षिके शब्द) पर्यन्त (बावत्तरि कलाओ) ७२ कलाओं को (सुत्तओय) सूत्र से (अत्थओय) अर्थ से और (करणओय) करणरूप प्रयोग से (सिहावेंति सिक्खाति) जब समझा चुके तथा पढा चुके (सिहावेता सिक्खावेत्ता) तब समझा चुकने के बाद और पहा चुकने के बाद (अम्मापिऊणं उवणेति) उन्होंने उस त एणं से कलायरिए इत्यादि ।। टोकार्थ-(तएणं) त्या२ मा (से कला यरिए) ४ाथाय (मेहंकुमार) भेमारने (लेहाइयाओ) सेप वगेरे (गणियप्पहाणाओ) गणित प्रधान व्यथा मांडीने ( सउणख्यपज्जवसाणाओ) शनि रुत (पक्षीयाना श०४) सुधा ( बावत्तरि कलाओ) मांतर ४ायो (सुत्त ओय) सूत्र द्वारा (अत्थ ओय) म । मने (करणोय) ४३९५ ३५ प्रयोग वा! (सिहावेंति सिक्खावेंति) समानवी धा अने. लावी हीधी (सिहावेत्ता सिक्खावेत्ता) समव्या अने. नव्या पछी (अम्मापिउणं उवणेति) तेमणे मेघमारने दावाने मातापिताने सांपी दी. શ્રી જ્ઞાતાધર્મ કથાંગ સૂત્રઃ ૦૧
SR No.006332
Book TitleAgam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages764
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_gyatadharmkatha
File Size45 MB
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