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ममेयचन्द्रिका टीका श०३० उ.१ सू०२ आयुर्वन्धनिरूपणम् ७५ जइ देवाउयं पकरेंति ? किं भवणवासिदेवाउयं पकरेंति जाव वेमाणियदेवाउयं पकरेंति गोयमा! नो भवणवासिदेवाउयं पकरेंति, नो वाणमंतरदेवाउयं पकरेंति, नो जोइसिय देवाउचं पकरेंति, वेमाणियदेवाउयं पकरेंति । अकिरियावाई णं भंते! जीवा किं नेरइयाउयं पकरेंति तिरिक्ख० पुच्छा, गोयमा! नेरइयाउयं पि पकरेंति जाव देवाउयं पिपकरेंति। एवं अन्नाणियवाई वि वेणइयवाई वि । सलेस्सा णं भंते ! जीवा किरियावाई किं नेरइयाउयं पकरेंति, पुच्छा, गोयमा! नो नेरइयाउयं पकरोत एवं जहा जीवा तहेव सलेस्सा वि चउहि वि समोसरणहिं भाणियव्वा । कण्हलेस्ता णं भंते ! जीवा किरियावाई किं नेर. इयाउयं पकरेंति, पुच्छा, गोयमा! नो नेरइयाउयं पकरेंति नो तिरिक्ख जोणियाउयं पकरेंति, मणुस्ताउयं पकरेंति नो देवाउयं पकरेंति। अकिरियावाई अन्नाणियवाई वेणइयवाई य चत्तारि वि आउयाइं पकरेंति । एवं नीललेस्सा वि काउलेस्सा वि । तेउलेस्सा णं भंते! जीवा किरियावाई कि नेरइयाउयं पकरेंति पुच्छा, गोयमा ! नो नेरइयाउयं पकरेंति नो तिरि. क्खजोणियाउयं पकरेंति, मणुस्साउयं पकरेंति, देवाउयं पि पकरोत । जइ देवाउयं पकरेंति तहेव । तेउलेस्सा णं भंते ! जीवा अकिरियावाई किं नेरइयाउयं पुच्छा, गोयमा! नो नेरइयाउयं पकरेंति मणुस्ताउयं पि पकरेंति तिरिक्खजोणियाउयं पि पकरेंति, देवाउयं पि पकरेंति । एवं अन्नाणियवाई वि वेणइयवाई वि जहा तेउलेस्ता, एवं पम्हलेस्सा वि सुकलेस्सा वि नायवा । सलेस्ता णं भंते ! जीवा किरियावाई कि नेरहयाउयं पुच्छा, गोयमा नो नेरइयाउयं पकरेंतिनोतिरिक्खनो मणुस्सा
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૭