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________________ * * * 0 * * * * श्री भगवतीसूत्र भाग सोलहवें की विषयानुक्रमणिका अनुक्रमाङ्क विषय पृष्ठाङ्क पचीसवें शतक का ५ उद्देशा १ पर्याय आदिका निरूपण १-२२ सागरोपम आदिकालका निरूषण २३-३४ निगोद के भेदों का निरूपण ३४-३९ छट्ठा उद्देशक उद्देशे में आनेवाले द्वारों को बतानेवाली द्वारगाथाका विवरण ४०-४१ मज्ञापना द्वार का निरूपण ४२-५७ वेदद्वार का निरूपण ५८-६३ रागादिद्वारों का निरूपण ६४-६६ तीसरे रागद्वार का निरूपण ६७-६८ चतुर्थ कल्पद्वारका निरूपण ६९-७२ पांचवां चारित्रद्वार का निरूपण ७३-७६ छठा प्रतिसेवनाद्वार का निरूपण ७७-८१ सातवां ज्ञानद्वारका निरूपण ८२-८८ आठवां तीर्थद्वार का निरूपण ८९-९३ नववां लिंगद्वार का निरूपण ९४-९५ दशवां शरीरद्वार का निरूपण ९६-९७ ग्यारहवां क्षेत्रद्वार का निरूपण ९८-१०० बारहवां कालद्वार का निरूपण १००-११९ तेरहवां गतिद्वार का निरूपण १२०-१३४ चौदहवां संयमद्वार का निरूपण १३५-१३९ पंद्रहवे निकर्षद्वार का निरूपण १४०-१६६ २१ सोलहवे योगद्वार का निरूपण १६७-१७० सत्रह उपयोगद्वार का निरूपण १७१अढारहवें कषायद्वार का निरूपण १७२-१७६ उन्नीसवें वेश्याद्वार का निरूपण १७७-१८० १२ * * * * १८ * * * * * શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૬
SR No.006330
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 16 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1972
Total Pages698
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size41 MB
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