SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 14
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पांचवां वर्ग ३७ माषपर्णी आदि वनस्पति के मूलगत आदि जीवों के उत्पत्ति आदि का निरूपण चोवीसवां शतक उद्देशक पहला ३८ उद्देशकों के द्वारों का संग्रह ३९ नैरयिकों के उत्पात आदि द्वारों का निरूपण ४२ संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यश्वों का नारको में उत्पत्ति का निरूपण ४३ पर्याप्त संख्यातवर्षायुष्क संज्ञि पंचेन्द्रिय तिर्यंचों के शर्करामा में उत्पत्ति का निरूपण ४४ मनुष्यों से नारको में उत्पत्ति आदि का निरूपण ४५ शर्करा प्रभादि से छुट्टी पृथ्वी पर्यन्त के नारकादि कों का उत्पत्ति आदि का निरूपण ४० नैरयिकों के परिमाण आदि द्वारों का निरूपण ४१ जघन्य स्थितिवाले उन नारकों में उत्पन्न होने वाले पर्याप्त असंज्ञी पश्चेद्रिय जीवका निरूपण ३६६-४०८ ४०९-४५५ दुसरा उद्देशा ४६ असुरकुमार देवका उत्पातादि का निरूपण ४७ संख्यातवर्षायुष्क संज्ञी पञ्चेन्द्रियतिर्यवों का असुरकुमारों में उत्पत्ति का निरूपण ४८ मनुष्यों से असुरकुमारों में उत्पत्ति का निरूपण तीसरा उद्देशा ४९ नागकुमारादिकों का उत्पात आदि का कथन चतुर्थ उद्देशे से द्वारहवां उशा ५० सुवर्णकुमारादि के उत्पाद आदि का कथन समाप्त શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૪ ३३३-३३६ _३३७-३३९ ३४०-३५० ३५१-३६५ ४५६-४८७ ४८८-५१९ ५२० - ५४७ ५४८-५८७ ५८८-५९४ ५९५-६०८ ६०९ - ६५४ ६५५-६५६
SR No.006328
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 14 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1970
Total Pages671
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size40 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy