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भगवतीसूत्र भा. १४ वें की विषयानुक्रमणिका अनुक्रमांक विषय
पृष्ठा २. २० का छठा उद्देशा १ पृथिव्यादि जीवों के परिणामका निरूपण २ अप्कायिक जीवों के परिणामका निरूपण
२२-३७ सातवा उद्देशा ३ बन्धके स्वरूपका निरूपण
३८-५६ __ आठवां उद्देशा ४ कर्मभूमिक आदि का निरूपण
५७-७. ५ कालिकश्रुतका विच्छेदआदिका निरूपण
७१-८३ नववा उद्देशा ६ लब्धिवाले अनगारकी गति का निरूपण
८४-९५ ७ जयाचारण की गतिका निरूपण
९६-१०७ दशवां उद्देशा ८ सोपक्रम निरूपक्रम आयुष्य वाले जीवों का निरूपण १०८-१२७ ९ नैरयिकों के उत्पाद आदिका कथन
१२८-१४२ १० नैरयिकों के षट्कादिसमर्जितत्वका निरूपण १४३-१६४ ११ नैरयिकों के द्वादशादिसमर्जितत्वका निरूपण १६५-१९५
इक्कीसवें शतक का पहला उद्देशा वर्ग १ १२ इक्कीस वें शतक के वर्ग संग्रहणी गाथा १३ वर्गस्थ उद्देशे का संग्रह
१९७-१९९ १४ औषधि शाल्यादिवनस्पति के मूल में रहे हुए जीवों का निरूपण
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શ્રી ભગવતી સૂત્રઃ ૧૪