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प्रमेयचन्द्रिका टीका २०१८ उ०५ सू०१ मास्वरजीवविशेषदेवानां निरूपणम् ३१
अथ पञ्चमोद्देशकः भारभ्यते ॥ चतुर्थोदेशकस्यान्तिममागे तेजस्कायिकवक्तव्यता कथिता ते च तेजस्कायिका भास्वरजीवाः ते च देवा भवन्तीति पञ्चमोद्देशके भास्वरजीवविशेषाणाम् असुरकुमारादिदेशनां वक्तव्यतोच्यते, इत्येवं सम्बन्धेन आयातस्यास्य पञ्चमोद्देशकस्य आदिमं सूत्रम्- 'दो भंते !' इत्यादि ! __मूलम्-दो भंते ! असुरकुमारा एगंसि असुरकुमारावासंसि असुरकुमारदेवत्ताए उववन्ना, तत्थ णं एगे असुरकुमारे देवे पासाईए दरिसणिजे अभिलवे पडिरूवे एगे असुरकुमारे देवे से णं नो पासादीए नो दरिसणिजे नो अभिरूवे नो पडिरूवे से कहमेयं भंते! एवं? गोयमा! असुरकुमारा देवा दुविहा पन्नत्ता तं जहा वेउवियसरीरा य अवेउब्वियसरीरा य तत्थ णं जे से वेउव्वियसरीरे असुरकुमारे देवे से गं पासादीए जाव पडिरूवे तत्थ णं जे से अवेउब्वियसरीरे असुरकुमारे देवे सेणं नो पासादीए जाव नो पडिरूवे। से केणट्रेणं भंते! एवं वुच्चइ तत्थणं जे से वेउब्वियसरीरे तं चेव जाव पडिरूवे ? गोयमा ! से जहा नामए इह मणुयलोगंसि दुवे पुरिसा भवंति एगे पुरिसे अलंकियविभूसिए एगे पुरिसे अणलंकियविभूसिए, एएसि णं गोयमा! दोण्हं पुरिसाणं कयरे पुरिसे पासादिए जाव पडिरूवे कयरे पुरिसे नो पासादीए जाव नो पडिरूवे, जे वा से पुरिसे अलंकियविभूलिए जे वा अणलंकियविभूसिए? भगवं! तत्थ जे से पुरिसे अलंकियविभूसिए से णं पुरिसे पासादीए जाव पडिरूवे, तत्थणजे से पुरिसे अणलंकियविभूसिए से णं पुरिसे नो पासादीए जाव नो पडिरूवे से तेणटेणं जाव नो पडिरूवे।
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૩