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भगवतीसूत्रे
नो आयाइय३, देसा आइट्टा सम्भावपज्जवा देसा आइट्ठा तदुभयपज्जवा आयाओ य नो आयाओ य"४x७-११। एवम् असद्भावपर्यवेण, तदुमयेन च-सद्भावाऽसद्भावपर्यवेण चतुर्भङ्गी वक्तव्या, तथाहि-'देसे आइहे असन्मावपज्जवे, देसे आइठे तदुभयपज्जवे आयाइय नो आयाइय१, देसे आइटे असम्भावपज्जवे देसा आइट्ठा तदुभयपज्जवा आयामो य नो आयाओ य२, देसा आइट्ठा असम्भावपज्जवा देसे आइढे तदुभयपज्जवे आयाइय नो आयाइय३, देसा आइट्ठा असम्भावपज्जवा देसा आइट्टा तदुभयपज्जवा आयामो य नो आयाओ य" ४४११-१५। एषामर्थः पूर्ववत् स्वयमूहनीयः। आयाओ य नो आयाओय २, देसाआइट्ठा सम्भावपज्जवा देसे आइहे तदुभयपज्जवे आयाइ य नो आयाइ य ३, देसा आइट्ठा-सम्भावजवा, देसा आइट्ठा तदुभयपजवा आयाओ य, नो आयाओ य ४+७=११ पूर्वोक्त सात और ये ४ भंग-आत्मा और अवक्तव्य की विवक्षा से हुए हैं। ११ इस प्रकार से 'असम्भावेणं तदुभएण य चउभगो' असद्भाव पर्याय एवं तदुभय पर्याय-सद्भाव असद्भाव-पर्याय को लेकर चतुर्भगी होती है-जो इस प्रकार से है-'देसे आइढे असम्भावपज्जवे देसे आइढे तदुभयपज्जवे आयाइय नो आयाश्य १ देसे आइडे असम्भावपजवे, देसा आइहा तदुभयपज्जवा आयाओ यनो आयाओ यर, देसा आइटा अस. भावपजवा देसे आइढे तदुभयपज्जवे आयाइ य नो आघाइ य ३, देसा आइहा असम्भावपज्जवा देसा आइहा तदुभयपजवा आयाओ य नों आयाओ य ४' ११+४=१५ इनका अर्थ पहिले की तरह से ही समझ तदुभयपज्जवा आयाओ य नो आयाओ य२, देसा आइटा सब्भावपज्जवा, देसे आइडे तदुभयपज्जवे आयाइय नो आयाइय३, देसा आइटा सब्भावपज्जवा देखा आइद्वा तदुभयपज्जवा आयाओ य नो आयाओ य४" ५il सात सांगाय અને આ ચાર ભાંગા મળીને ૧૧ ભાંગા થાય છે. પૂર્વોકત ૪ અને આ ૪ ભાંગાઓ એકવચન અને બહુવચનની અપેક્ષાએ બન્યા છે એ જ પ્રમાણે અસદુભાવ પર્યાયની અપેક્ષાએ અને તદુભવ (સદુરૂપ—અસદુ૫) પર્યાયની अपेक्षा यार Hina मने छे. ते Minो। नीय प्रमाणे छे-“ देखे आइटे असब्भावपज्जवे, देसे आइटे तदुभयपज्जवे आयाइ य नो आयाइ य१; देसे आइडे असब्भावपज्जवे, देसा आइट्ठा तदुभयपज्जवा आयाओ य नो आयाओ य३; देसा आइटा असब्भावपज्जवा, देसे आइटे तदुभयपज्जवे आयाइ य नो आयाइ य३; देसा आइट्ठा असन्भावपज्जवा, देसा आइट्ठा तदुभयपज्जा आयाओ य नो
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૦